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Sunday, May 19, 2024
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AMU: छात्राओं को दिया गया सफल होने का मंत्र


अलीगढ़, 14 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एडवांस्ड वीमेन्स स्टडी सेंटर के तत्वाधान में छात्राओं के लिये व्यक्तित्व विकास एवं क्षमता निर्माण पर एक दिवसीय आनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें कुशल रिसोर्स पर्सन्स ने छात्राओं को अपने क्षेत्रों में प्रगति करने, बेहतर रोजगार के लिए तैयारी करने, समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करने और करियर की बुलन्दी को प्राप्त करने का आह्वान किया।


उन्होंने छात्राओं को व्यक्तिगत क्षमता निर्माण, पेशेवर करियर कौशल, डिजिटल साक्षरता और सोशल मीडिया के प्रभावी उपयोग और नौकरी के लिये समय पर आवेदन करने जैसे मामलों के लिये स्वयं को तैयार करने का परामर्श दिया।
मुख्य अतिथि के रूप में समापन समारोह में भाग लेते हुए, प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ, डा हमीदा तारिक ने कहा कि समान अवसर प्रदान करने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की मानसिकता से ही लैगिंग समानता पर आधारित समाज का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही हैं तथा विश्व को और अधिक महिला नेताओं की आवश्यकता है, जो अपने सशक्त नेतृत्व से अन्य महिलाओं को आगे आने और आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर सकें।


उन्होंने ऐसे और भी कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया जो समाज में लैंगिक विभाजन और असमानता को दूर करने में मदद कर सकें।
उद्घाटन सत्र की मुख्य अतिथि प्रोफेसर शीरीन मूसवी (पूर्व निदेशक, महिला अध्ययन केंद्र) ने कहा कि महिलाओं को रोजगार पाने से रोकने वाली रूढ़ियाँ और सांस्कृतिक पूर्वाग्रह लगातार समाप्त हो रहे हैं और समाज में कामकाजी महिलाओं केे प्रति आदर बढ़ रहा है। परन्तु अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने छात्राओं से आत्मनिर्भर और निडर बनने का आग्रह किया।


कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रोफेसर निसार अहमद खान (डीन, सामाजिक विज्ञान संकाय) ने कहा कि कार्यशाला में होने वाले विचार-विमर्श से छात्राओं को समय प्रबंधन, तनाव प्रबंधन और संचार जैसे कौशल को बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह छात्राओं को अपने साथियों के साथ बेहतर संबंधों के लिए पारस्परिक कौशल का अभ्यास करने और महत्वपूर्ण विचारों और क्रिया बिंदुओं के महत्व को साझा करने में भी मदद करेगा।


प्रो आयशा फारूक (बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग), डा फायजा अब्बासी (सहायक निदेशक, यूजीसी एचआरडीसी), डा सलमा शाहीन (प्रिंसिपल, महिला पालिटेक्निक) और श्री साद हमीद (प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट अधिकारी-जनरल) ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अन्तःशक्ति, इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफार्म की सहायता से महिलाओं के बीच जागरूकता पैदा करने और विवेकपूर्ण, तार्किक और महत्वपूर्ण सोच के उपयोग के साथ ही करियर के अवसरों की पहचान कैसे की जाए।
प्रो अज़रा मूसवी (निदेशक, महिला अध्ययन केंद्र) ने बताया कि ये आनलाइन कार्यशालाएँ महामारी के दौरान जब सभी शैक्षिक गतिविधियाँ रुक गई हैं, छात्राओं के आत्मविश्वास को बढ़ाती हैं।
अपने स्वागत भाषण में प्रोफेसर अजरा मूसवी ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाओं में छात्रों की भागीदारी भी होनी चाहिए।


डा शिवांगिनी टंडन, समन्वयक और शीराज़ अहमद, सह-समन्वयक ने प्रतिभागियों से नए रुझानों पर स्वयं को अपडेट रखने और कार्यस्थल में आगे बढ़ने के लिए अपनी ताकत का लगातार पुनर्मूल्यांकन करने का आग्रह किया। डा शिवांगिनी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में 250 छात्राओं ने भाग लिया तथा अपने विचार भी व्यक्त किये।

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