अलीगढ़, 23 मईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संकाय के अंतर्गत विदेशी भाषा विभाग के तत्वाधान में ‘विदेशी भाषा सीखनाः नए दृष्टिकोण और आयाम’ विषय पर तीन दिवसीय ऑनलाइन वार्ता श्रृंखला का आयोजन किया गया जिसमें रिसोर्स पर्सन ने तेजी से इंटरडीपेंडेंट और हाइपर-कनेक्टेड दुनिया में नई भाषाओं को सीखने के लाभों पर विचार-विमर्श किया गया और छात्रों को उनके महत्व के बारे में जानकारी प्रदान की गयी।
संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित प्रोफेसर वृद्धागिरि गणेशन (पूर्व कुलपति, सीआईईएफएल-अब ईएफएलयू, हैदराबाद) ने कहा कि एक भाषा किसी समुदाय के संचित ज्ञान की दुनिया के लिए एक पासपोर्ट की तरह है, एक अलग समाज को समझने की कुंजी, एक लेंस जिसके साथ जुड़े लोगों के समूह की संस्कृति और इतिहास को देखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं तेजी से वैश्विक होती जा रही हैं, भाषाओं की मांग बढ़ती जा रही है। छात्रों के लिए विदेशी भाषा कौशल के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता।
प्रोफेसर जावेद इकबाल (डीन, अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संकाय और विदेशी भाषा विभाग के अध्यक्ष) ने अध्यक्षीय भाषण दिया। उन्होंने कहा कि विदेशी भाषा सीखना आपके करियर ग्राफ को आगे बढ़ाने का माध्यम है क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था अंग्रेजी बोलने वाली दुनिया से स्थानांतरित हो रही है और इंटरनेट पर विविध विदेशी भाषाओं का उपयोग वैश्विक संचार के दृश्यपटल को बदल रहा है। फेसबुक, ट्विटर और गूगल जैसे सोशल मीडिया दिग्गज उपयोगकर्ताओं को विभिन्न भाषाओं के माध्यम से पत्र-व्यवहार करने की अनुमति दे रहे हैं।
पश्चिम-एशियाई अध्ययन विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद अजहर ने जोर देकर कहा कि विदेशी भाषाओं का ज्ञान अंतरसांस्कृतिक अंतराल को कम करता है। यह आसानी से देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में दुभाषियों को काम पर रखा जा रहा है क्योंकि आजकल अर्थव्यवस्थाएं विदेशी बाजारों के साथ काम करती हैं और सम्बंधित भाषा की उनकी जानकारी आवश्यक चीजों को सुविधाजनक बनाने में मदद करती है।
समापन भाषण में प्रोफेसर रख्शंदा एफ फाजली (पश्चिम-एशियाई अध्ययन विभाग) ने कहा कि अंग्रेजी के अलावा अन्य कई भाषाएं बोलने की क्षमता नए युग के नियोक्ताओं के लिए एक अनमोल उपकरण और कौशल है। देश भर के छात्रों के लिए यह सही समय है कि वह अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए विदेशी भाषा सीखने को प्राथमिकता दें।
डॉ मुराद अहमद खान, डॉ सावन कुमार सिंह, डॉ अहसान अहमद ने विभिन्न सत्रों में स्वागत भाषण दिया।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ सुबैर पीएम और डॉ शिव प्रकाश यादव थे और सैयद सलमान अब्बास ने उद्घाटन भाषण दिया।
पीयूष, मंताशा इसराइल और मोहम्मद अदनान अहमद ने धन्यवाद ज्ञापित किया।