AMU: स्कूल शिक्षकों के कौशल को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया

संचार कौशल, मूल्य-आधारित शिक्षा और ई-सामग्री पर कार्यशालाएं
अलीगढ़, 13 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के यूजीसी एचआरडी सेंटर के तत्वाधान में फैकल्टी डेवेलप्मेंट प्रोग्राम के अंतर्गत स्कूल शिक्षकों के लिये संचार कौशल, मूल्य आधारित शिक्षा तथा ई-सामग्री विषयों पर तीन कार्यशालाओं का आयोजन किया गया जिनमें स्कूल शिक्षकों को प्रभावी ढंग से संचार कौशल, वाक्य कौशल और छात्रों के साथ सर्वाेत्तम तरीके से जुड़ने के कौशल को बढ़ाने के बारे में जानकारी एवं प्रशिक्षण प्रदान किया गया।


संरचित परामर्श और मार्गदर्शन कार्यक्रम के महत्व पर बोलते हुए मुख्य अतिथि, प्रोफेसर असफर अली खान (निदेशक, स्कूल शिक्षा निदेशालय, अमुवि) ने कहा कि ये कार्यक्रम छात्रों को एक सकारात्मक आत्म-छवि और पहचान की भावना विकसित करने में मदद करेंगे तथा उनके आत्मविश्वास में वृद्धि के साथ एक मूल्य आधारित प्रणाली का निर्माण करेंगे जो उनके व्यवहार एवं कार्यों में मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि एक शिक्षक को संचार के सभी तरीकों में कुशल होना चाहिए और यह जानना चाहिए कि स्कूल के माहौल में इस दक्षता का प्रभावी ढंग से उपयोग कैसे किया जाए। ऐसा करने में सक्षम होने के कारण छात्रों को उनके शैक्षणिक जीवन में सफलता प्राप्त होगी, साथ ही शिक्षकों के करियर की सफलता भी इससे प्रभावित होगी।
प्रोफेसर असफर ने शिक्षक प्रतिभागियों से खुद को तनाव मुक्त रखने और डीकम्प्रेस करने का भी सुझाव दिया।
इस अवसर पर यूजीसी एचआरडीसी के निदेशक प्रोफेसर ए आर किदवई ने कहा कि एक नेता वह होता है जो अपने आस-पास के लोगों को सामान्य उद्देश्यों की दिशा में काम करने के लिए सशक्त बनाकर सकारात्मक, विकासशील परिवर्तन के लिए प्रेरित करता है। ऐसा करने के लिए एक नेता का सबसे शक्तिशाली उपकरण संचार है। उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास हासिल करने, लक्ष्यों की खोज में प्रयासों को रेखांकित करने और सकारात्मक बदलाव को प्रेरित करने के लिए प्रभावी संचार महत्वपूर्ण है। जब संचार की कमी होती है, तो महत्वपूर्ण सूचनाओं की गलत व्याख्या की जा सकती है, जिससे संबन्धों को नुकसान होता है और अंततः प्रगति में बाधा उत्पन्न करने वाली बाधाएं पैदा होती हैं।
अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर एम असीम सिद्दीकी ने कहा कि व्याकरण की प्रणाली जटिल और कठिन है तथा भाषा के नियमों का पालन करना कठिन हो सकता है, इसलिए व्याकरण कौशल से परिचित होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि कैसे संचार के लिए व्याकरण पर एक सत्र में दिन-प्रतिदिन के संचार में भ्रांतियों और सामान्य व्याकरण संबंधी त्रुटियों से बचा जा सकता है।
प्रोफेसर समीना खान (अंग्रेजी विभाग) ने लैंगिक रूढ़ियों और विशेषताओं और जेंडर रोल रिवर्सल पर प्रकाश डाला जबकि प्रोफेसर समी रफीक (अंग्रेजी विभाग) ने बोली जाने वाली और लिखित भाषा में सुधार पर जोर दिया।
प्रोफेसर एकराम खान (इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग) ने बताया कि इंटरऐक्टिव शिक्षण और मूल्यांकन के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग कैसे करें।
प्रोफेसर राशिद नेहल (कार्यशाला के पाठ्यक्रम समन्वयक) ने संचार कौशल की बारीकियों और सूक्ष्मताओं को चित्रित हुए बताया कि यह कौशल दर्शकों, संस्कृति, संदर्भ, क्रियाओं और परिस्थिति से कैसे प्रभावित होते हैं।
प्रोफेसर आयशा मुनीरा रशीद (अंग्रेजी विभाग) ने ‘वर्क फ्राम होम‘ से संबंधित संचार कौशल के प्रबंधन की गतिशीलता पर विचार-विमर्श किया जबकि प्रोफेसर एस एन तिवारी (हिंदी विभाग) ने नई शिक्षा नीति (एनईपी) की विशेषताओं और स्थानीय भाषा संचार में शिक्षा के माध्यम के मुद्दों पर प्रकाश डाला।
प्रोफेसर शाह आलम (मनोविज्ञान विभाग) ने संतुलित जीवन शैली जीने के लिए तनाव दूर करने वाली तकनीकों पर बात की और प्रोफेसर अनूप सैकिया (भूगोल विभाग, गौहाटी विश्वविद्यालय) ने शिक्षकों के लिए स्वस्थ जीवन जीने और अच्छा संचार बनाए रखने की आवश्यकता पर विचार व्यक्त किया।
प्रोफेसर दीपक के सिंह (पंजाब विश्वविद्यालय) ने शिक्षकों द्वारा प्रशासनिक बैठकों में प्रभावी तरीके से भाग लेने के सर्वाेत्तम तरीकों के बारे में विस्तार से बताया।
कोर्स समन्वयक, प्रोफेसर साजिद जमाल (शिक्षा विभाग) और डा० एस एम खान (मनोविज्ञान विभाग) ने विस्तार से बताया कि शिक्षकों, प्रशिक्षकों और शिक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सार्वजनिक संवाद और संचार कौशल कितना महत्वपूर्ण हैं।
डा० फायज़ा अब्बासी (यूजीसी एचआरडीसी) ने समापन सत्र का संचालन किया जिसमें अंग्रेजी, गणित, भूगोल, जीवन विज्ञान, संस्कृत, उर्दू, हिंदी और फारसी के स्कूल शिक्षकों ने भाग लिया।

  • Related Posts

    अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पेपर प्रस्तुति

    अलीगढ़, 3 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के के.ए. निजामी सेंटर फॉर कुरानिक स्टडीज के मानद निदेशक प्रोफेसर अब्दुर रहीम किदवई ने 1-2 जुलाई को संयुक्त राज्य अमेरिका में एलक्यूआरए एसोसिएशन द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय…

    एएमयू वन्य जीव विशेषज्ञ डा. उरूस द्वारा कस्तूरी मृग पर व्याख्यान

    अलीगढ़ 3 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वन्यजीव विज्ञान विभाग की डॉ. उरुस इलियास ने ‘आयुर्वेदिक फार्मास्यूटिक्स में कस्तूरी का महत्व और चुनौतियाँ’ विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार में ‘कस्तूरी मृगः संरक्षण के 50 वर्ष’ पर ‘स्वर्ण जयंती व्याख्यान’ प्रस्तुत…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    AMU Student Selected to Represent India at 20th Asian Roller Skating Championship in South Korea

    AMU Student Selected to Represent India at 20th Asian Roller Skating Championship in South Korea

    Indian Forum for Education (IFE) Organizes Grand NEET Mock Test in Riyadh — Over 100 Aspirants Participate

    Indian Forum for Education (IFE) Organizes Grand NEET Mock Test in Riyadh — Over 100 Aspirants Participate

    AMU NSS Celebrates Dr. B. R. Ambedkar Jayanti with Grand Programmes Promoting Equality and Empowerment

    AMU NSS Celebrates Dr. B. R. Ambedkar Jayanti with Grand Programmes Promoting Equality and Empowerment

    National Workshop at AMU Equips Researchers with Next-Gen Data Analysis Tools

    National Workshop at AMU Equips Researchers with Next-Gen Data Analysis Tools

    Mission Shakti: A Step Towards Women Empowerment

    Mission Shakti: A Step Towards Women Empowerment

    Traffic Negligence: A Silent Killer Fueling Rising Accidents in India”

    Traffic Negligence: A Silent Killer Fueling Rising Accidents in India”
    × How can I help you?