कमिश्नर राकेश अस्थाना, अपना OSD तो साफ छवि का रख लेते
इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस में बदतमीजी और भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे संयुक्त आयुक्त स्तर के दो आईपीएस अफसरों को रेंज से हटा दिया गया है।
पुलिसकर्मियों को जलील करने के लिए कुख्यात संयुक्त पुलिस आयुक्त सुरेंद्र सिंह को उत्तरी रेंज से हटा दिया गया। सुरेंद्र यादव का तबादला संयुक्त आयुक्त, ऑपरेशन के पद पर किया गया है।
गृहमंत्री और सतर्कता शाखा मेंं सुरेंद्र सिंह यादव के खिलाफ दी गई शिकायत में मातहतों से बदसलूकी, भ्रष्टाचार सहित गंभीर आरोप लगाए गए है।
नरेंद्र बुंदेला पर भ्रष्टाचार का आरोप-
मध्य रेंज के संयुक्त आयुक्त नरेंद्र सिंह बुंदेला के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने सतर्कता विभाग को जांच करने का आदेश दिया है।
नरेंद्र बुंदेला का तबादला लीगल डिवीजन में किया गया है।
शिकायत में कहा गया है कि बुंदेला अमित गुप्ता नामक व्यक्ति के जरिए एसएचओ से पैसे मांगते हैं। इसके लिए बुंदेला एसएचओ को व्हाट्सएप कॉल करते हैं।
नोएडा में बुंदेला की कोठी तैयार कराने के लिए एसएचओ पर कई तरह से दबाव डाला जाता है। पैसे और निर्माण सामग्री, दोनों की मांग की जाती है।
आरोप हैं कि कुछ समय पहले जब पुलिस आयुक्त को शिकायत दी गई तो अमित गुप्ता पीछे हट गया था। इसके बाद संयुक्त पुलिस आयुक्त के कार्यालय में तैनात स्टाफ ऑफिसर इंस्पेक्टर सुमित देशवाल एसएचओ को फोन करने लगा।
इन दोनों आरोपी आईपीएस अफसरों की पत्नियां आईएएस अफसर है।
वीनू बंसल को महत्वपूर्ण पद क्यों ?-
पुलिस नियंत्रण कक्ष के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के पद तैनात वीनू बंसल को उत्तरी रेंज के संयुक्त आयुक्त पद का भी अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।
कमिश्नर राकेश अस्थाना ने वीनू बंसल को 25 सितंबर को ही ट्रैफिक से हटा कर सीपीसीआर में तैनात किया था।
वीनू बंसल को उत्तर पूर्वी जिला डीसीपी के पद से भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण हटाया गया था। इसके बावजूद ऐसे अफसर को संयुक्त आयुक्त, उत्तरी रेंज का अतिरिक्त कार्यभार सौंपना सवाल खड़े करता है।
कमिश्नर का ओएसडी दागी।
इसी तरह अतिरिक्त आयुक्त रोमिल बानिया को अपना ओएसडी बनाना और कमिश्नर सचिवालय में तैनात करना भी कमिश्नर के निर्णय पर सवालिया निशान लगाता है।
दक्षिण पूर्व जिला में तैनाती के दौरान तत्कालीन डीसीपी रोमिल बानिया ने अपने दफ्तर में अपने निजी कुत्तों के लिए कमरे बनवाए, कूलर लगवाए और कुत्तों की सेवा में पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया था।
लेकिन तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने रोमिल बानिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं की थी। कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने तो यह तक नहीं बताया कि कमरे सरकारी धन के दुरुपयोग से बनाए गए या भ्रष्टाचार के धन से बनवाए गए।
कमिश्नर सावधान-
कमिश्नर राकेश अस्थाना चूंकि गुजरात काडर के होने के कारण बाहरी हैंं, इसलिए उन्हें दिल्ली पुलिस में तैनात ऐसे आईपीएस अफसरों की करतूतों की भी पूरी कुंडली/ जानकारी जुटा लेनी चाहिए और उसके आधार अफसरों का चयन करना चाहिए।
आईपीएस सुरेंद्र यादव के कारनामे-
आईपीएस के एक फोन पर पकड़ा जाता।-
सागर पहलवान की हत्या के बाद सुशील पहलवान हरिद्वार गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार रामदेव ने संयुक्त पुलिस आयुक्त को सुशील की मदद करने के लिए फोन किया था।
इस पत्रकार ने मई में ही यह उजागर कर दिया था कि रामदेव ने अगर किसी संयुक्त आयुक्त को फोन किया है तो वह रामदेव की ही जाति के सुरेंद्र सिंह यादव भी हो सकते हैं। क्योंकि सुरेंद्र सिंह यादव के नेतृत्व में ही इस मामले की जांच की जा रही थी।
वैसे रामदेव ने जिस भी आईपीएस को फोन किया हो वह अगर तुरंत हरिद्वार पुलिस को फोन कर देता तो सुशील तभी पकड़ा जाता।
आईपीएस की कायराना हरकत-
26 जनवरी 2021 को एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें सुरेंद्र सिंह यादव कह रहे हैं कि इनको (किसानों) को शांति से समझाओ, वरना ये हमारे ऊपर से जाएंगे। सुरेंद्र सिंह यादव ने जय जवान जय किसान के नारे लगाए और पुलिस कर्मियों से भी लगवाए। शिकायत के अनुसार आईपीएस का यह आचरण सरकार विरोधी है।
वैसे अनेक वरिष्ठ आईपीएस अफसरों ने सुरेंद्र सिंह यादव की इस हरकत को पुलिसवालों का मनोबल तोड़ने वाला बताया। अफसरों का कहना था कि ऐसी कायराना हरकत करने वाले अफसर को तो फोर्स और सेना मे बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाता है। ऐसे अफसर को सेना में तो नौकरी से निकाल दिया जाता है।
सब-इंस्पेक्टर आत्महत्या कर लेता-
जनवरी 2018 में संयुक्त पुलिस आयुक्त सुरेंद्र सिंह यादव ने रात में चैकिंग के दौरान मौरिस नगर थाने के सब- इंस्पेक्टर रामचंद्र को गालियां दी और उठक बैठक भी लगवाई। सुरेंद्र सिंह यादव के साथ उनका दोस्त रवि था। रवि ने भी सब इंस्पेक्टर से बदसलूकी की थी। सब इंस्पेक्टर ने रवि को पलटकर जवाब दे दिया तो गुस्साए यादव ने कहा कि रवि गृहमंत्री का रिश्तेदार है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त के दुर्व्यवहार से दुखी होकर सब- इंस्पेक्टर रामचंद्र ने आत्महत्या करने तक की सोच ली थी। सब- इंस्पेक्टर रामचंद्र ने इस मामले की शिकायत रोजनामचे में दर्ज कर दी। तत्कालीन पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक और उप राज्यपाल को इस मामले की शिकायत की गई। इसके बाद बटालियन में तैनात संयुक्त पुलिस आयुक्त सुरेंद्र सिंह यादव का दिल्ली से बाहर तबादला कर दिया गया था।
एसएचओ को अर्दली बनाया-
शिकायत के अनुसार इसके पहले सुरेंद्र सिंह यादव जब उत्तर पूर्वी जिले में डीसीपी थे तब भी वह एसएचओ को बहुत जलील करते थे। शाहदरा के तत्कालीन एसएचओ को तो उसके पिता के सामने ही जलील किया गया।
इसके अलावा कई एसएचओ से दफ्तर में अर्दली का काम करा कर भी अपमानित किया जाता था।
कांग्रेस कनेक्शन -शिकायत के अनुसार सुरेंद्र सिंह यादव राहुल गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी हैं। वह अलवर से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते है। शिकायत में डेरा मांडी छतरपुर में एक फार्म हाऊस से उनका संबंध होने जिक्र भी किया गया है।
शिकायत में हवलदार प्रवीण यादव, सिपाही मंजीत यादव और सिपाही सोनू यादव को संयुक्त पुलिस आयुक्त का खास चहेता बताया गया है।
आम आदमी पार्टी से भी संबंध –
सुरेंद्र सिंह यादव जब एंटी करप्शन ब्रांच में तैनात थे तो उनका अपने वरिष्ठ आईपीएस मुकेश मीणा से विवाद सुर्खियों में रहा था।
शिकायत के अनुसार सुरेंद्र यादव आम आदमी पार्टी से भी विधानसभा सभा का टिकट चाहते थे इसलिए वह उसकी कठपुतली की तरह काम कर रहे थे।
(लेखक इंद्र वशिष्ठ दिल्ली में 1990 से पत्रकारिता कर रहे हैं। दैनिक भास्कर में विशेष संवाददाता और सांध्य टाइम्स (टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप) में वरिष्ठ संवाददाता रहे हैं।)
ये लेखक के निजी विचार हैं।