सर सैयद डे पर मिलेगा एएमयू के दो शिक्षकों को उत्कृष्ट शोधकर्ता पुरस्कार 2022 

अलीगढ़, 13 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के दो शिक्षकों प्रोफेसर फर्रुख अर्जमंद (रसायन विज्ञान विभाग) और डॉ हिफजुर रहमान सिद्दीकी (जूलॉजी विभाग) को ‘विज्ञान, जीवन विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, यूनानी मेडिसिन, मेडिसिन और कृषि विज्ञान संकाय’ श्रेणी के तहत रसायन विज्ञान और जंतु विज्ञान के क्षेत्र में उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए ‘उत्कृष्ट शोधकर्ता पुरस्कार 2022’ के लिए संयुक्त रूप से चुना गया है। उन्हें 17 अक्टूबर को सर सैयद दिवस स्मरणोत्सव समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। बतौर पुरस्कार दोनों शिक्षकों को 50-50 हजार रूपये की राशि व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।

बायोइनऑर्गेनिक केमिस्ट्री, औषधीय अकार्बनिक रसायन विज्ञान, एंटीट्यूमर मेटलॉड्रग्स के लक्षण और संश्लेषण में प्रो. फारुख अर्जमंद के शोध ने औषधि विकास से लेकर निदान तक की संभावनाओं के द्वार खोले हैं। एक वैज्ञानिक के रूप में उनके काम को प्रतिष्ठित शोध पत्रिकाओं में मान्यता मिली है। 160 से अधिक प्रकाशन से उन्होंने अपनी क्षमता की का लोहा मनवाया है।

उनके पास एच-इंडेक्स 37 और आई10-इंडेक्स 107 के साथ 4717 उद्धरण हैं और उन्होंने मेटालिक एंटी-ट्यूमर दवाओं से संबंधित दो विशिष्ट पेटेंट भी कराये हैं।

प्रो अर्जमंद ने यूजीसी, सीएसआईआर और डीबीटी, भारत सरकार की छह प्रमुख शोध परियोजनाओं में प्रधान अन्वेषक के रूप में काम किया है।

उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों जैसे आईआईटी खड़गपुर, आईआईसीटी हैदराबाद, एसीटीआरईसी, मुंबई में काम किया है। यूएसटीसी, चीन; इंस्टिट्यूट डी फिजिक डी रेनेस, फ्रांस और ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए के साथ अनुसंधान सहयोग किया है।

जबकि जूलॉजी विभाग के मॉलिक्यूलर कैंसर जेनेटिक्स एंड ट्रांसलेशनल रिसर्च लैब से जुड़े सहायक प्रोफेसर डॉ. हिफ्जुर रहमान सिद्दीकी ने कैंसर केमोरेसिस्टेंस पर प्रोटीन की भूमिका पर महत्वपूर्ण शोध किया है।

डॉ. हिजुर रहमान के शोध में लीवर कैंसर स्टेम सेल और प्रोस्टेट कैंसर बायोमार्कर की खोज शामिल है।

डॉ. हिफ्जुर रहमान ‘हर्बल मेडिसिन – ए बोन फॉर हेल्दी ह्यूमन लाइफ’ (एल्सवियर) के लेखक हैं और हेपेटोलॉजी, नेचर कम्युनिकेशंस, कैंसर बायोलॉजी में सेमिनार, कोऑर्डिनेशन केमिस्ट्री रिव्यू, क्लिनिकल कैंसर रिसर्च, कैंसर रिसर्च, इंटरनेशनल जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में 85 से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं। जिसका औसत प्रभाव कारक 10 से ऊपर है। उन्होंने नौ पुस्तकों में अध्याय भी लिखे हैं।

थेरेपी-प्रतिरोधी कैंसर पर उनके शोध को 2014 में संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग द्वारा तीन ‘विशेष रुप से प्रदर्शित प्रोस्टेट कैंसर अनुसंधान’ में से सर्वश्रेष्ठ के रूप में चुना गया था।

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