अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में शिक्षक संघ के चुनाव में सबसे अधिक वोट पाने वाली डाॅ. नाजिश बेगम ने एक रिकाॅर्ड बनाया है। पिछले कई वर्षों से शिक्षकों के लिए आवाज उठाने वाली डाॅ. नाजिश बेगम से भारत ब्राॅडकास्टिंग न्यूज के मुख्य संवादाता ने बातचीत की। प्रस्तुत हैं उनसे बीचतीत के मुख्य अंश….
डॉ. नाजिश बेगम, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शिक्षक संघ के चुनाव में अपनी जीत के बारे में बताएं?
शि़क्षक संघ चुनाव इस बार काफी मुश्किल था, इसमें सबसे अधिक मुकाबला एएमयू शिक्षक संघ की कार्यकारिणी सदस्यों में था, 8 पोस्ट के लिए 17 लोगों में मुकाबला था ; जिसमें तीन महिलाएं चुनाव मैदान में थीं। शिक्षकों ने जमकर वोट किया, इसमें मेरे समेत तीन महिला शिक्षकों ने अमुटा कार्यकारिणी समिति में स्थान बनाया।
अमुटा चुनाव में आपने किस बात के लिए संघर्ष किया?
मैंने इस चुनाव में महिला शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा और सुरक्षा के लिए संघर्ष किया। हमें एक समाज में जीने का माहौल चाहिए, जहां महिलाओं को सम्मान मिले, उनकी आवाज सुनी जाए, और उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाया जाए।
आप शिक्षकों के लिए आवाज उठाती चली आ रही हैं, लेकिन इस चुनाव में आपकी जीत बहुत महत्वपूर्ण रही है। इस जीत का महत्व क्या है और इससे क्या संकेत मिलते हैं?
हाँ, यह जीत मेरी नहीं है, बल्कि एएमयू बिरादरी की जीत है , जो एएमयू में बदलाव की ओर एक कदम है। इससे साफ संकेत मिलता है कि एएमयू की महिलाएं भी अपनी समस्या को उठाने के लिए आगे आ रही। हैं , जो शुभ संकेत हैं।
इस चुनाव में आपकी सफलता के लिए कौन-कौनसी सहायता प्राप्त हुई और आपके साथ किन-किन तरीकों से समर्थन मिला? मुझे बहुत गर्व है कि मेरी जीत में महिला शिक्षकों ने मेरा समर्थन किया। उन्होंने मुझे महिला शक्तिकरण का एहसास दिलाया और मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, मुझे अपने पुरुष सहयोगियों का भी समर्थन मिला है, जिससे हमने साझा लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए मिलकर काम किया है। इस विजय में सहयोग करने वाले सभी लोगों को मैं हृदय से आभार व्यक्त करती हूं।
इस चुनाव में आपको 697 वोट मिले हैं, जो किसी महिला को अब तक मिलने वाले सबसे अधिक वोट हैं। आपको इतने वोट प्राप्त करने का कारण क्या रहा?
इतने वोट प्राप्त करने का कारण है कि शिक्षकों का प्रेम था, उन्होंने मुझे सबसे अधिक पंसद किया। चुनाव से पहले मैंने हर विभाग में जाकर लोगों से वोट की अपील की और महिला शिक्षकों की आवाज सुनी और उनके मुद्दों को समझा और उनके अनुरोधों को सुना । इसके अलावा, मैंने सभी महिला शिक्षकों के साथ एक-एक बैठक आयोजित की और उनसे बातचीत करके उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया।
आपने इतना उत्साहित समर्थन प्राप्त किया और आपने महिला शिक्षकों को अपने मुद्दों को उठाने के लिए ऐसे महत्वपूर्ण कदम उठाए। अब आपकी योजना और कार्यक्रम क्या होंगे जिनसे आप महिला शिक्षकों के लिए विशेष उपयोगी होंगी?
मेरा लक्ष्य महिला शिक्षकों के उत्कृष्टता को सुनिश्चित करना और उनकी समस्याओं का समाधान करना। मैं अपने कार्यकाल में नवीनतम और अद्यतित शिक्षा नीतियों को लागू करने का वादा करती हूं। मैं महिला शिक्षकों की भर्ती में वृद्धि करने और उन्हें अच्छे भत्ते और अनुदान प्रदान करने के लिए पहल करूंगी। मैंने एक विशेष अभियान की योजना बनाई है, जिसका नाम है शिक्षिका शक्ति ! इस अभियान के तहत, मैं एक मेंटरिंग प्रोग्राम स्थापित करूंगी ; जिसके माध्यम से अनुभवी महिला नई और युवा शिक्षकों को मार्गदर्शन करेंगी। मैं शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करूंगी जो उनके पेशेवर विकास और उनकी स्थिति में सुधार के लिए मददगार साबित होंगे। मेरा उद्देश्य महिला शिक्षकों को अधिक समर्पित, सुरक्षित और संतुष्ट बनाना है ताकि हम समाज में शिक्षा के क्षेत्र में उनकी भूमिका को महत्वपूर्णता दे सकें। मैं इस संकल्प के साथ अग्रसर रहूंगी और अपने कार्यकाल में महिला शिक्षकों के लिए विशेष योगदान करने का प्रयास करूंगी। मेरा उद्देश्य महिला शिक्षकों को अधिक समर्पित, सुरक्षित और संतुष्ट बनाना है ताकि हम समाज में शिक्षा के क्षेत्र में उनकी भूमिका को महत्वपूर्णता दे सकें। मैं इस संकल्प के साथ अग्रसर रहूंगी और अपने कार्यकाल में महिला शिक्षकों के लिए विशेष योगदान करने का प्रयास करूंगी।
महिला राजनीतिक स्थिति के बारे में आपके क्या विचार हैं, क्या मुस्लिम महिलाओं को आप राजनीति में आगे लाने के लिए प्रेरित करेंगी?
भारतीय समाज में मुस्लिम महिलाओं की राजनीति में हिस्सेदारी काफी कम है। हालांकि एएमयू ने कई महिला राजनीतिज्ञ को रास्ता दिखाया, जिसमें मोहसिना किदवई जैसी सफल महिला शामिल हैं। भारतीय समाज से लोकसभा में आने वाली 612 हैं, इसमें से केवल 12 मुस्लिम महिलाएं शामिल हैं, जिस तरह से एएमयू के शिक्षक चुनाव में कार्यकारिणी सदस्य के लिए मेरे अलावा दूसरे नंबर पर आने वाली डाॅ. सबीहा तबस्सुम और तीसरे नंबर पर रहीं सुफिया नसीम हैं। यह एएमयू के लिए कोई साधारण बात नहीं है, मतदान के दौरान भी लोगों को यह कहते हुए सुना गया कि हमने तीनों महिलाओं को वोट दिया है, यह एएमयू के इतिहास में परिवर्तन के संकेत हैं ; अभी शुरूआत है,,,! राजनीतिक राजनीतिक क्षेत्र में भी एएमयू की महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ रहा है यह खुशी की बात है।