
अलीगढ़, 21 मईः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग की साहित्यिक और ई-पत्रिका समिति द्वारा स्व-रचित कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी (बीयूएमएस) की छात्रा तूबा रज़ी ने प्रथम पुरुस्कार जीता। आयशा रज़ी (बीयूएमएस) दूसरे स्थान पर रहीं जबकि तान्या यादव (बीएससी भौतिकी) और सारिम मुस्तफा खान (बीए फ्रेंच) ने फ्रैंक और डेबी इस्लाम मैनेजमेंट कॉम्प्लेक्स में आयोजित प्रतियोगिता में तीसरा पुरस्कार साझा किया।
प्रतीक्षा सिंह (एमबीए प्रथम वर्ष) ने ‘मानसिक स्वास्थ्य पर कोविड-19 के प्रभाव‘ विषय पर एक्सटेम्पोर प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया जबकि ओनैजा सुल्तान (एमबीए फाइनल) दूसरे और नबीहा उमर (बीए हिस्ट्री) तीसरे स्थान पर रहीं जबकि अरमा बानो (एमबीए फर्स्ट ईयर) ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
प्रोफेसर आफताब आलम (अध्यक्ष, सामरिक एवं सुरक्षा अध्ययन विभाग) और प्रोफेसर मोहम्मद नवेद खान (बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग) ने एक्सटेम्पोर प्रतियोगिता का मूल्यांकन किया, जबकि डा शिरीन रईस (अर्थशास्त्र विभाग) और डा ज़रीन हुसैन फारूक (बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग) ने कविता प्रतियोगिता में छात्र प्रतिभागियों की समझ और दक्षता का मूल्यांकन किया।
प्रोफेसर सलमा अहमद (डीन, प्रबंधन अध्ययन और अनुसंधान संकाय और प्रभारी शिक्षक, साहित्यिक और ई-पत्रिका समिति) ने डायलन की एक कविता का सन्दर्भ प्रस्तुत करते हुए गीत और कविता के बीच के अंतर को समझाया।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से इन दिनों कविता और लेखन का शौक़ कम होता जा रहा है और नवोदित प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने के लिए इन प्रतियोगिताओं की जरूरत है।
विजेताओं और अन्य प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए प्रोफेसर फ़िज़ा तबस्सुम आज़मी (शिक्षक प्रभारी, साहित्य और ई-पत्रिका समिति) ने कहा कि कोविड महामारी ने इन गतिविधियों पर रोक लगा दिया था परन्तु दो साल के अंतराल के बाद, छात्र एक बार फिर से अपनी प्रतिभा दिखाने के अवसरों का लाभ उठा रहे हैं।
प्रोफेसर आफताब आलम ने सार्वजनिक भाषण कौशल को निखारने के टिप्स दिए और छात्रों को नियमित अभ्यास के साथ अपने कौशल को सुधारने की सलाह दी।
प्रोफेसर मोहम्मद नवेद खान ने छात्र प्रतिभागियों से महामारी के कारण दो साल की ऑनलाइन गतिविधियों के बाद स्क्रीन समय कम करने का आग्रह किया।
डा तारिक अजीज, जो साहित्यिक और ई-पत्रिका समिति के प्रभारी शिक्षकों में से एक हैं, ने जीवन संघर्षों से निपटने के लिए प्रेरक दोहे साझा किए।
सबा कमर ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया और अन्य छात्रों के साथ यशस्वी सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया।