अलीगढ़, 10 दिसंबरः इस्लामिक रिपब्लिक आफ ईरान के सांस्कृतिक काउंसलर डा मोहम्मद अली रब्बानी ने फारसी अनुसंधान संस्थान का दौरा किया।
श्री रब्बानी ने संस्थान के अकादमिक कार्यों की सराहना की और कहा कि इस संसथान ने भारत और ईरान के बीच सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि संस्थान ने विभिन्न परियोजनाओं और इसके प्रकाशन कार्यक्रम पर ईरान कल्चर हाउस, नई दिल्ली के साथ मिलकर काम किया है।
उन्होंने समान रूचि के शोध उपक्रमों में सहयोग करने के लिए ईरानी विश्वविद्यालय और फ़ारसी अनुसंधान संस्थान के सहयोग से एक साहित्यिक पत्रिका निकालने के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की और संस्थान में प्रसिद्ध ईरानी विद्वानों द्वारा आभासी व्याख्यान के आयोजन का आश्वासन दिया।
संवाद सत्र के दौरान फारसी अनुसंधान संस्थान की संस्थापक और सलाहकार और पूर्व निदेशक, प्रोफेसर आजरमी दुख्त सफवी ने संस्थान के उद्देश्यों के बारे में विस्तार से बताया और इसकी विभिन्न उपलब्धियों का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों के दौरान संस्थान द्वारा 75 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की जा चुकी हैं।
फारसी अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मोहम्मद उस्मान गनी ने ईरानी कल्चरल काउंसलर का स्वागत करते हुए एक सिपासनामा भी प्रस्तुत किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि संस्थान उनके सहयोग और मार्गदर्शन से आगे बढ़ेगा।
डा मो. एहतेशामुद्दीन, सहायक प्रोफेसर, फारसी अनुसंधान संस्थान ने धन्यवाद ज्ञापित किया।