एसजीएलटी-2 दवाएं डायबिटीज को करती हैं कंट्रोल, भारत में भी उपलब्ध

जेएन मेडीकल कालिज के मेडिसिन विभाग द्वारा विस्तार व्याख्यान में प्रख्यात चिकित्सक ने दी जानकारी


अलीगढ़, 24 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कालेज के मेडीसिन विभाग द्वारा ‘एसजीएलटी-2 इनहैबिटर्सः करेंट कंसेप्ट्स’ अवरोधक तथा इस सम्बन्ध में नवाचार’ विषय पर एक आनलाइन विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया।


डाक्टर रिफत परवेज नगमी प्रख्यात चिकित्सक तथा राजनयिक, अमेरिकन नेशनल बोर्ड, यूएसए ने व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कहा कि एसजीएलटी-2 दवाएं इस मायने में महत्वपूर्ण हैं कि वे मूत्र में शर्करा को शरीर से बाहर निकालकर रक्त शर्करा को कम करती हैं। ये दवाएं न केवल रक्त शर्करा को नियंत्रित करती हैं, बल्कि वजन और रक्तचाप को भी कम करती हैं।
मधुमेह के उपचार के विभिन्न तरीकों का वर्णन करते हुए डाक्टर नगमी ने नई आने वाली एसजीएलटी-2 दवाओं की भूमिका, उनके दुष्प्रभावों और सीमाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि ये दवाएं अब भारत में उपलब्ध हैं जो मरीजों के लिए अच्छी हैं।
मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर अंजुम मिर्जा चुगताई ने व्याख्यान की सराहना करते हुए कहा कि यह बहुत जानकारीपूर्ण था और मौखिक हाइपोग्लाइसेमिया एजेंटों (ओएचए), विशेष रूप से एसजीएलटी-2 ट्रांसपोर्टर अवरोधक के साथ टाइप-2 डायबिटीज मेलिटस प्रबंधन के क्षेत्र में नई खोजों से संबंधित था।
प्रोफेसर चुगताई ने आमंत्रित वक्ता का परिचय कराते हुए कहा कि पिछले 30 वर्षों से कई देशों में व्यापक अनुभव के साथ डॉ रिफत नगमी आंतरिक चिकित्सा में प्रसिद्ध नाम है। वह गारलैंड, टेक्सास (यूएसए) में एक मेडिकल सेंटर चलाते हैं और उन्होंने मेडिसिन पर कई किताबें लिखी हैं।
प्रोफेसर चुगताई ने कहा कि चिकित्सा विभाग आने वाले महीनों में प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय/राष्ट्रीय संकायों द्वारा क्लिनिकल मेडिसिन के लगातार बढ़ते क्षेत्र पर विस्तार व्याख्यानों की एक श्रृंखला आयोजित करेगा।
डा. हामिद अशरफ, निदेशक, राजीव गांधी सेंटर फार डायबिटीज़ एण्ड एंडोक्राइनोलोजी, जेएन मेडीकल कालिज ने चर्चा में हिस्सा लिया। उन्होंने संबंधित क्षेत्र में हुई विभिन्न प्रगति को साझा किया।
मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर शहजाद फैजुल हक ने आभार व्यक्त किया। व्याख्यान में चिकित्सा विभाग के सभी चिकित्सकों और रेजीडेंट्स ने भाग लिया।

  • Related Posts

    अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पेपर प्रस्तुति

    अलीगढ़, 3 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के के.ए. निजामी सेंटर फॉर कुरानिक स्टडीज के मानद निदेशक प्रोफेसर अब्दुर रहीम किदवई ने 1-2 जुलाई को संयुक्त राज्य अमेरिका में एलक्यूआरए एसोसिएशन द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय…

    एएमयू वन्य जीव विशेषज्ञ डा. उरूस द्वारा कस्तूरी मृग पर व्याख्यान

    अलीगढ़ 3 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वन्यजीव विज्ञान विभाग की डॉ. उरुस इलियास ने ‘आयुर्वेदिक फार्मास्यूटिक्स में कस्तूरी का महत्व और चुनौतियाँ’ विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार में ‘कस्तूरी मृगः संरक्षण के 50 वर्ष’ पर ‘स्वर्ण जयंती व्याख्यान’ प्रस्तुत…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    Alif School Honours Veteran Educators with Prestigious Alif Edu Award ’24

    Alif School Honours Veteran Educators with Prestigious Alif Edu Award ’24

    Lecture on “Impact of Plastic on Human Health” Held at Regional Unani Medical Research Institute

    Lecture on “Impact of Plastic on Human Health” Held at Regional Unani Medical Research Institute

    Gandhi’s Harijan Newspaper Displayed at AMU Library Exhibition

    Gandhi’s Harijan Newspaper Displayed at AMU Library Exhibition

    Development of Hindi and its role in India’s identity: Dr. Hameed

    Development of Hindi and its role in India’s identity: Dr. Hameed

    Supreme Court Issues Interim Stay on Bulldozer Demolitions

    Supreme Court Issues Interim Stay on Bulldozer Demolitions

    The Use of Hindi in AI Tools Represents Significant Progress: Dr. Nazish

    The Use of Hindi in AI Tools Represents Significant Progress: Dr. Nazish
    × How can I help you?