मोटर मैकेनिक का बेटा और एएमयू का छात्र शादाब अमेरिका में करेगा पढ़ाई

मैडिसन ईस्ट हाई स्कूल, यूएसए से स्नातक करने के लिए अमुवि के 11 वीं कक्षा के छात्र का चयन

अलीगढ़, 24 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एसटीएस स्कूल के ग्यारहवीं कक्षा (कला) के छात्र मोहम्मद शादाब अब मैडिसन ईस्ट हाई स्कूल, विस्कान्सिन, यूएसए से अपनी 12 वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करेंगे। मोहम्मद शादाब के सपने को पूरा करने में एएमयू के पूर्व छात्रों एवं शुभचिंतकों तथा मोरक्को के मेजबान परिवार और स्कूल का विशेष योगदान है।
एक मोटर मैकेनिक के बेटे मोहम्मद शादाब, मैडिसन, विस्कान्सिन, यूएसए में रहने वाले एएमयू के पूर्व छात्र मसूद अख्तर के पास पहुंचे। उन्होंने कहा कि अमेरिका से वापस आने के बाद मुझे ऐसा लगता है कि मैं कुछ और चीजें तलाश सकता हूं और सीख सकता हूं और सफलता के पथ पर आगे बढ़ सकता हूँ लेकिन दुर्भाग्य से मेरी छात्रवृत्ति केवल एक वर्ष के लिए थी।


मोहम्मद शादाब की पृष्ठभूमि, उपलब्धियों और उच्च महत्वाकांक्षाओं ने अख्तर को शादाब की मदद करने का बीड़ा उठाने के लिए प्रेरित किया। वह मैडिसन ईस्ट हाई स्कूल के प्रिंसिपल के पास पहुंचे और उन्हें आश्वासन दिया कि अगर शादाब इस हाई स्कूल से 12 वीं कक्षा पूरी करता है तो स्कूल उसे हाई स्कूल डिप्लोमा प्रदान करेगा। अख्तर  ने इस स्कूल के करीब रहने वाले मोरक्कन परिवार से भी संपर्क किया, यह जानने के लिए कि क्या वे मोहम्मद की मेजबानी करने में रुचि रखते हैं। इस परिवार ने शालीनता से सहमति व्यक्त की।
एएमयू के पूर्व छात्र और शुभचिंतक शादाब की आर्थिक मदद और उनके सपने को पूरा करने के लिए आगे आए। उनके वार्षिक शिक्षण शुल्क, वीजा खर्च, एयरलाइन टिकट, स्वास्थ्य बीमा, रहने के खर्च आदि को कवर करने के लिए तुरंत पर्याप्त धन जुटाया गया। शादाब अब 25 सितंबर को शिकागो के ओश्हारे हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे तथा मोरक्कन परिवार के मेहमान रहेंगे।


उद्यमी और समाजी कार्यकर्ता अख्तर ने कहा कि अगर हम सब एक साथ काम करते हैं जैसा कि हमने मोहम्मद के मामले में किया, तो हम और छात्रों के भविष्य का निर्माण भी कर सकते हैं। इसके अलावा, शादाब को मेरा संदेश है कि अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक योजना विकसित करें। यदि आपको उस लक्ष्य को प्राप्त करने में कोई समस्या आती है, तो कृप्या अपना लक्ष्य न बदलें, उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योजना को बदलें।


मोहम्मद शादाब को बधाई देते हुए एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि किसी संस्था की सफलता के लिए कल्याणकारी पूर्व छात्रों का नेटवर्क बनाना महत्वपूर्ण है। एक जरूरतमंद छात्र का समर्थन या उसकी शिक्षा को प्रायोजित करना मातृ संस्था को वापस देने का सबसे अच्छा तरीका है।
शादाब ने अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि मदद के लिए मैं मसूद अख्तर का हमेशा आभारी रहूंगा। मुझे प्रोत्साहित करने के लिए मैं एएमयू प्रशासन सहित सभी का ऋणी हूं। उन्होंने कहा कि जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए लोगों को समर्थन की आवश्यकता होती है; मैं निश्चित रूप से अपनी मातृ संस्था को वापस भुगतान करूंगा।

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