अलीगढ़, 21 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की सर सैयद अकादमी ने ‘सर सैयद अहमद खान के धार्मिक और दार्शनिक विचार’ पर एक वेबिनार का आयोजन किया। समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने की, जबकि डा. सैयद शाहिद मेहदी, पूर्व कुलपति, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने सर सैयद अकादमी द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों का विमोचन किया। इनमें मौलाना इस्माइल पानीपती की ‘मकालाते सर सैयद, मुहम्मद हारिस बिन मंसूर द्वारा लिखित ‘सर जिया-उद-दीन अहमदः लाइफ एंड वर्क्स’ (सर सैयद फेलो, सर सैयद अकादमी) और श्री मिन्हाज जफर द्वारा लिखित ‘साहिबजादा आफताब अहमद खान’ शामिल हैं।
अपनी परिचयात्मक टिप्पणी में प्रो. मंसूर ने कहा कि सर सैयद अकादमी बहुत सक्रिय रही है और अकादमी में मौजूद रिकार्ड के डिजिटलीकरण पर काम कर रही है। उन्होंने एक महत्वपूर्ण विषय पर वेबिनार आयोजित करने और सर सैयद के साथियों और अलीगढ़ आंदोलन से जुड़े व्यक्तित्वों पर प्रकाशनों की एक श्रृंखला शुरू करने के लिए सर सैयद अकादमी के निदेशक प्रोफेसर अली मुहम्मद नकवी और उप निदेशक डा मुहम्मद शाहिद के प्रयासों की सराहना की।
मोनोग्राफ के लेखकों को बधाई देते हुए, कुलपति ने कहा कि एएमयू सर सैयद के उदार विचारों और अंतरधार्मिक संवाद के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सोच से बाहर निकलने की अपील की।
विशिष्ट अतिथि डॉ. सैयद शाहिद मेहदी ने कहा कि सर सैयद अहमद खान और उनके साथियों ने अलीगढ़ आंदोलन के माध्यम से भारतीय समाज को बदलने में बहुत अच्छा काम किया। इस आंदोलन ने उपमहाद्वीप के लोगों और विशेषकर मुसलमानों के जीवन और साहित्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने कहा कि धार्मिक सहिष्णुता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अन्य उदार मूल्यों को बढ़ावा देने वाले सर सैयद अहमद खान को वापस पाने का समय आ गया है।
प्रो. अली मुहम्मद नकवी ने मकालाते सर सैयद की परिचय दिया। उन्होंने कहा कि सर सैयद अकादमी पुराने और मूल्यवान दस्तावेजों को आवश्यक संशोधनों के साथ सामने लाने के लिए लगातार काम कर रही है।
सर जिया-उद-दीन अहमदरू लाइफ एंड वर्क्स के महत्व और आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए, डा मुहम्मद शाहिद ने कहा कि सर जिया-उद-दीन अहमद ने अलीगढ़ आंदोलन के विस्तार और विकास के लिए बहुत कुछ किया। यह मोनोग्राफ डा. सर जिया-उद-दीन अहमद के बारे में संसाधनों और सामग्रियों की एक बड़ी जरूरत को पूरा करेगा।
प्रो. आफताब आलम, अध्यक्ष, सामरिक और सुरक्षा अध्ययन विभाग, एएमयू ने मोनोग्राफ साहिबजादा आफताब अहमद खान पर बोलते हुए कहा कि साहिबजादा आफताब अहमद खान ने एएमयू की स्थापना और एएमयू का संविधान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। साहिबजादा ने डयूटी सोसाइटी और ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन की स्थापना में भी अहम रोल अदा किया।
इस अवसर पर पद्म श्री प्रो अख्तर अल-वासे, (प्रोफेसर एमेरिटस, इस्लामिक स्टडीज विभाग, जामिया मिलिया इस्लामिया), प्रो सऊद आलम कासमी (डीन, धर्मशास्त्र संकाय, एएमयू) और प्रो अली वायज़ी धर्मशास्त्र संकाय तेहरान विश्वविद्यालय) ने भी अपने विचार रखे।
डा मुहम्मद शाहिद ने आभार व्यक्त किया। डा सैयद हुसैन हैदर ने निदेशक के कर्तव्यों का पालन किया।