अलीगढ 10 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए जागरूकता उत्पन्न करने और उन्हें हर तरह से सशक्त बनाने के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।
सेंटर ऑफ कंटीन्यूइंग एंड एडल्ट एजुकेशन एंड एक्सटेंशन (सीसीएईई) ने 8 मार्च को महिला सशक्तिकरण पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया। अपनी अध्यक्षीय टिप्पणी में, वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर नईमा खातून गुलरेज ने भारतीय संसद में महिलाओं के लिए आरक्षण का मुद्दा उठाया, और कहा कि इस सम्बन्ध में प्रासंगिक कानून बनाने के लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है।
प्रो-वाइस चांसलर, प्रो. मोहम्मद गुलरेज ने चर्चा में उद्धृत मुख्य बातों को संक्षेप में बताया, जबकि प्रो असफर अली खान (निदेशक, स्कूल निदेशालय) ने कहा कि लड़कों को हमेशा शिक्षा में प्राथमिकता दी जाती है और समाज में हाशिए पर रहने वाले वर्ग के बीच यह स्थिति गंभीर है। उन्होंने कहा कि हमें इस रवैये को बदलने और जागरूकता कार्यक्रमों और सभी के लिए उचित शैक्षिक सुविधाओं के माध्यम से निरक्षरता के उन्मूलन के लिए काम करने की जरूरत है।
प्रो आसिम सिद्दीकी (चेयरपर्सन, अंग्रेजी विभाग) ने कहा कि शिक्षण संस्थानों को खेल में छात्राओं की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने पर अधिक ध्यान देना चाहिए, जबकि प्रो आसिया चैधरी (वाणिज्य विभाग) ने महिलाओं के लिए चलाए जा रहे उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम पर प्रकाश डाला। प्रो फेजा टी आजमी (व्यवसाय प्रशासन विभाग) ने वयस्क शिक्षा के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में वित्तीय साक्षरता के महत्व पर जोर दिया।
प्रो. समीना खान (अंग्रेजी विभाग) ने कहा कि स्वैच्छिकवाद महत्वपूर्ण है क्योंकि बड़ी क्रांतियां संसदीय अधिनियमों के माध्यम से नहीं बल्कि स्वयंसेवा के माध्यम से घटित होती हैं। प्रो सायरा मेहनाज (सामुदायिक चिकित्सा विभाग) ने कहा कि पुरुषों और महिलाओं के बीच भेदभाव प्रारंभिक अवस्था से शुरू होता है, और जीवन भर जारी रहता है। उन्होंने कहा कि लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए प्रारंभिक अवस्था से ही पोषण संबंधी समानता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
प्रो आयशा मुनीरा रशीद (उप निदेशक, सीसीएईई) ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम का संचालन किया।
गृह विज्ञान विभाग में, शिक्षकों और छात्राओं ने ‘समानता को अपनाने में महिलाओं की भूमिका – एक महिला का दृष्टिकोण’ पर एक समूह चर्चा में भाग लिया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, अध्यक्षा, डॉ. सबा खान ने महिलाओं द्वारा बच्चे पैदा करने और पालन-पोषण की जिम्मेदारियों की आवश्यकता और महत्व पर बल दिया। उन्होंने लोगों से अहंकार और कठोरता को दूर करने और महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और उनके सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में मदद करने का आग्रह किया।
इस दिन को चिह्नित करते हुए ए.के. तिब्बिया कॉलेज के अमराज-ए-निस्वान-वा-अत्फाल विभाग द्वारा ‘महिला स्वास्थ्य और प्रजनन देखभाल’ विषय पर एक मुफ्त स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन अजमल खां तिब्बिया कालिज के प्रिंसिपल, प्रोफेसर बदरुद्दुजा खान ने किया। शिविर में बड़ी संख्या में वंचित वर्ग के मरीजों ने भाग लिया और मुफ्त दवा प्राप्त की।
विभागाध्यक्ष, प्रो सैयदा आमिना नाज ने कहा कि इस अवसर पर लैंगिक समानता और स्त्रीरोग संबंधी विकारों में यूनानी उपचार की आवश्यकता पर जोर देने के लिए एक पोस्टर प्रस्तुति कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। पोस्टर मेकिंग इवेंट में पीजी स्टूडेंट्स और इंटर्न्स ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के आयोजन में विभाग के शिक्षकों डा. दीवान इसरार ाान, डा. अबीहा अहमद खान, डा. फहमीदा जीनत और डा. एस अनस का सक्रिय योगदान रहा।