अलीगढ। राजकीय औद्योगिक एंव कृषि प्रर्दशनी के कोहिनूर मंच पर सोमवार की रात्रि कुल हिन्द मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसमे भारत के अलावा टोरन्टो व कनाडा से भी आये मशहूर शायरों ने भाग लिया। दूर दराज से आये इन नामी गिरामी शायरों ने जब मंच पर अपनी शायरी का आगाज किया तब देश की गंगा जमुनी तहजीब को कायम रखने के लिए तमाम शायरों ने देशभक्ति से लेकर मोहब्बत भरे मिजाज की शायरी पेश करके कोहिनूर सभागार में समा बाध दिया। तब श्रोताओं के मुॅह से वाह वाह, वाह की आवाज की सुनायी दी।
कोहिनूर मंच पर मुशायरे का आगाज कार्यक्रम के अतिथि आईपीएस अमुवि रजिस्ट्रार मौहम्मद इमरान व सिटी मजिस्ट्रेट चन्द्रशेखर ने सामुहिक रूप से शमा रोशन कर किया। मुशायरे की शुरूआत होते की मंच पर शायर मशहूर हास्य शायर डा. पोपूलर मेरठी ने ; तस्वीर का खोटा हूॅ, मुकद्दर से लड़ा हूॅ‘ दुनिया उसे कहती है कि चालाक बड़ा हूॅ‘ खुद तीस का हूॅ और दुल्हन सांठ बरस की‘ गिरती हुई दिवार के साथ खड़ा हूॅ।लखनउ से आए शायर हसन काजमी ने कहा कि ‘ खाक के है सब पुतले, सबको टूटना होगा‘ शाख पर तो कोई फल देर तक नही रहता।दिल्ली के शायर इकबाल मशहूर ने सुनाया ‘ न जाने कितने चिरागों को मिल गयी शोहरत‘ इक आफताब के बे वक्त डूब जाने से।
बुलंदशहर से आए शायर डा. सैयद निजामी शैदा, राही ने कहा ‘ जहॉ हिन्दु मुसलमा प्यार से मिलजुल के रहते है‘ उसे हम फ़ख़रीया ल्हजे में हिन्दोस्तान कहते है।दिल्ली से तशरीफ लायी शायरा अना देहलवी ने अर्ज किया ‘ जिन्दगी जिसपे मेंने वारी थी, हर अदा जिसकी मुझको प्यारी थी, वो नजर से उतर गया है अना, मेने जिसकी नजर उतारी थी।भोपाल से आये शायर मंजर भोपाली ने सुनाया ‘ इतनी प्यारी है मुझे वतन की मिट्टी, हो कयामत भी तो हिजरत नही कर सकता में।कार्यक्रम का संचालन अमुवि सीएमओ डा. शारिक अकील ने किया। देर रात तक श्रोताओं ने मुशायरे का आनंद लिया।