अलीगढ़, 20 फरवरीः उद्योग जगत के विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग में शुरू हुई बारह सप्ताह की श्योर (उद्यमिता के माध्यम से शहरी नवीनीकरण को बढ़ावा देना) कार्यशाला के प्रतिभागियों को उद्यमशीलता और वित्तीय जानकारी प्रदान की।
एएमयू के वाणिज्य विभाग ने ह्यूस्टन विश्वविद्यालय (यूएसए) के बाउर कॉलेज ऑफ बिजनेस के सहयोग से इस कार्यशाला का आयोजन किया है।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए श्री अनिल कुमार वाष्र्णेय चार्टर्ड एकाउंटेंट और एएमयू के पूर्व छात्र ने प्रतिभागियों को करियर को विकसित करने और एक सफल उद्यमिता यात्रा के लिए कुशल बनाने में उपयोगी बातें बताईं।
लगातार उभरते सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने नई नीतियां बनाकर और उन्हें लागू करके इस क्षेत्र पर विशेष जोर दिया है।
श्री वाष्र्णेय ने कहा कि सरकार ने छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए ऋण प्रक्रिया को भी आसान बनाया है, इसलिए छात्रों और नवोदित उद्यमियों को इस क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।
सत्र की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर मो मोहसिन खान, चेयरपर्सन, श्योर वर्कशॉप और वित्त अधिकारी, एएमयू ने कहा कि आर्थिक परिदृश्य न केवल भारत में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बदल रहा है, इसलिए उद्यमिता पर ध्यान देना और कम उम्र में कौशल हासिल करना महत्वपूर्ण है।
इससे पूर्व, कार्यशाला की संयोजक प्रोफेसर आसिया चैधरी ने कार्यशाला में आए संसाधन व्यक्तियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया।
सम्मेलन के विषय का परिचय देते हुए उन्होंने कहा कि श्योर कार्यक्रम अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और ह्यूस्टन विश्वविद्यालय (यूएसए) के बीच समझौते का परिचायक है। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों, उद्योग विशेषज्ञों और कम संसाधन और भिन्न पृष्ठभूमि वाले समुदायों के संभावित उद्यमियों के बीच मूल्यवर्धित साझेदारी के लिए एक शैक्षिक मंच और नेटवर्किंग अवसर प्रदान करना है।
उन्होंने कहा कि कार्यशाला न केवल लेखांकन, कराधान, कानून, विपणन, वित्तीय साक्षरता, बैंकिंग, आदि के मामले में प्रतिभागियों के ज्ञान को बढ़ने में मदद करेगा, बल्कि जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी), खरीदारों, आपूर्तिकर्ताओं और बैंकरों के साथ भी उनके संबंधों को बढ़ाएगा।
प्रोफेसर आसिया चैधरी ने आगे कहा कि प्रत्येक संभावित उद्यमी को एक वाणिज्य, अर्थशास्त्र और व्यवसाय प्रशासन पृष्ठभूमि वाले एक छात्र सलाहकार द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी जो उनमें नेतृत्व गुणों के विकास के साथ ही उनके सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक अनुभव में बदलने में मदद करेगा।
विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर मो. नासिर जमीर कुरैशी, डीन, वाणिज्य संकाय ने कहा कि उद्यमी रोजगार पैदा करते हैं इसलिए एमएसएमई पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि सरकार इस क्षेत्र के लिए कई योजनाएं चला रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने देश के ग्रामीण और अब तक उपेक्षित क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान दिया है और भारी निवेश आकर्षित किया है, इसलिए नवोदित उद्यमियों के लिए आगे आने और उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने का यह सही समय है।
वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर एस.एम इमामुल हक ने कार्यशाला के केंद्र बिंदु को चित्रित किया। उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों को लेखांकन, वित्त, कानून, विपणन, रणनीति और अन्य संबंधित विषयों में प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें ये भी मालूम होगा कि एक उद्यमी कैसे बनना है और इसके लिए किन कौशलों की आवश्यकता है, इसलिए यह कार्यशाला व्यापार के गुर जानने का एक अच्छा अवसर है।
श्री शब्बीर अहमद हुर्रे ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उद्घाटन सत्र का संचालन श्री मुशाहिद अली शम्सी ने किया।








