अलीगढ़, 13 मईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के आधुनिक भारतीय भाषा विभाग के मराठी अनुभाग के प्रभारी, डॉ ताहिर एच पठान ने मुंबई विश्वविद्यालय के मराठी विभाग द्वारा ‘पीएचडी रिसर्च स्कॉलर्स के लिए मराठी में अनुसंधान पद्धति’ पर आयोजित ऑनलाइन व्याख्यान में अनुसंधान की अवधारणा, संचालन और विश्लेषण के विभिन्न चरणों के बारे में बताया।
उन्होंने मराठी साहित्य में अनुसंधान की पहचान, चयन, प्रसंस्करण और विश्लेषण के लिए विशिष्ट प्रक्रियाओं और तकनीकों पर प्रकाश डाला।
डॉ ताहेर ने कहा कि विचारों को समझाने के लिए अनुसंधान में विभिन्न विधियों का उपयोग किया जाता है, लेकिन विधि का चयन विशुद्ध रूप से शोधकर्ता पर निर्भर करता है और विधि का प्रकार किसी भी आवश्यकता का पालन नहीं करता है। आदर्श रूप से, एक शोधकर्ता की पद्धति को आवश्यक डेटा प्राप्त करने के लिए प्रामाणिक तरीके पेश करने चाहिए, जिसके आधार पर निर्णय किए जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भाषा सीखने में अनुसंधान को विविध विषयों पर केंद्रित होना चाहिए, जैसे कि भाषा मूल्यांकन, रूप/अर्थ-केंद्रित निर्देश, शिक्षार्थियों के भावात्मक और संज्ञानात्मक अंतर, पाठ्येतर गतिविधियाँ, प्रौद्योगिकी, बदलते क्लासरूम, टीम शिक्षण, और विदेशों में काम करना आदि।
डॉ ताहिर ने भी प्रतिभागियों के सवालों के जवाब भी दिये।