
अलीगढ़, 16 नवंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज के डाक्टरों के परिश्रम से एक चार साल के बच्चे को नया जीवन प्राप्त हुआ है। दिल की जन्मजात खराबी से ग्रस्त बच्चे के इलाज में जुटे डाक्टरों ने स्थायी पेसमेकर लगाया, जिसके हृदय में जन्म से ही एक बड़ा छेद तथा अवरोध था।प्रोफेसर एमयू रब्बानी (अध्यक्ष, कार्डियोलाजी विभाग) और डा शाद अबकरी (पीडियाट्रिक कार्डियोलाजिस्ट और नोडल आफिसर आईपीसीसी) ने सीनियर कैथ लैब तकनीशियन असगर अब्बास और मेडट्रानिक डिवाइस, अमेरीका के श्री अमित लाल के तकनीकी सहयोग से स्थायी पेसमेकर इम्प्लांटेशन किया।उक्त बच्चा इस संस्थान में स्थायी पेसमेकर प्राप्त करने वाला अबतक का सबसे कम उम्र का रोगी है और यह टीम की पेशेवर क्षमता का प्रमाण है।
प्रोफेसर रब्बानी ने बताया कि इतने छोटे बच्चे में पेसमेकर लगाना एक चुनौतीपूर्ण और जटिल काम था। प्रोफेसर आजम हसीन, डा मयंक यादव और डा शमायल रब्बानी के नेतृत्व में कार्डियक सर्जनों की टीम ने परफ्यूज़निस्ट, श्री साबिर के साथ बच्चे का ऑपरेशन किया। बच्चा पूरी तरह से ठीक है और उसे छुट्टी दी जा युकी है।अमुवि कुलपति, प्रोफेसर तारिक मंसूर ने इस जटिल कार्य में कड़ी मेहनत और समर्पण के उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई दी।प्रोफेसर शाहिद ए सिद्दीकी (प्रिंसिपल और सीएमएस, जेएनएमसी) ने बताया कि एएमयू मेडिकल कालेज राज्य भर से रेफर किए गए बच्चों को सर्वाेत्तम हृदय चिकित्सा प्रदान कर रहा है।