
अलीगढ़, 12 नवंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज के मेडिकल एजुकेशन यूनिट (एमईयू) द्वारा विभिन्न विभागों के 30 से अधिक शिक्षकों को स्नातक चिकित्सा शिक्षा विनियमों के तहत योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा (सीबीएमई) के अनुसार मेडिकल छात्रों को पढ़ाने के लिए जीएमईआर 2019 के ‘रिवाइज्ड बेसिक कोर्स वर्कशाप एंड एईटीकाम इन मेडिकल एजुकेशन टेक्नोलाजीज’ में प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
इस अवसर पर मेडिसिन फैकल्टी के डीन प्रोफेसर राकेश भार्गव ने कहा कि मेडीकल चिकित्सा शिक्षा तेजी से बदल रही है और बदलते स्वास्थ्य देखभाल वातावरण, चिकित्सक की बदलती भूमिका, बदलती सामाजिक अपेक्षाओं, तेजी से बदलते चिकित्सा विज्ञान और शैक्षणिक तकनीकों की विविधता और स्नातक, स्नातकोत्तर के लिए प्रौद्योगिकियों के उपयोग सहित कई कारकों से प्रभावित है।
उन्होंने कहा कि इस सन्दर्भ में निरंतर चिकित्सा शिक्षा महत्वपूर्ण होती जा रही है।मेडिकल एजुकेशन यूनिट की समन्वयक प्रोफेसर सीमा हकीम ने बताया कि इस तरह की कार्यशालाएं शिक्षकों को ज्ञान प्राप्ति, उनकी निर्णय क्षमता में विकास, अवधारणात्मक भिन्नता को बढ़ाने और कौशल समन्वय में सुधार करने में मदद करती हैं। ये कार्यशालाएं एक शैक्षिक वातावरण बनाने में भी मदद करती हैं जो शिक्षार्थी को शामिल करती है और सीखने का वातावरण प्रदान करती हैं।कार्यशाला में प्रोफेसर सीमा हकीम सहित प्रोफेसर एस मनाजिर अली (सह-समन्वयक एमईयू), प्रोफेसर शगुफ्ता मोइन, प्रोफेसर सायरा मेहनाज़, डा. नसरीन नूर, डा. फातिमा खान, डा रूही खान, डा अली जाफर आब्दी, डाक्टर सूफिया नसीम, डाक्टर बुशरा सिद्दीकी और डाक्टर उम्मुल बनीन कार्यक्रम में रिसोर्स पर्सन के रूप में शामिल हुई।राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के पर्यवेक्षक के रूप में प्रोफेसर संजय दास (हिमालयन इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज, देहरादून) ने कार्यशाला का पर्यवेक्षण किया और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए।प्रोफेसर सायरा मेहनाज़ (एमईयू सदस्य) ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया जबकि समापन सत्र का संचालन डा. बुशरा सिद्दीकी ने किया।








