अलीगढ़, 29 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अजमल खां तिब्बिया कालिज, यूनानी चिकित्सा संकाय केे आमराज-ए-निस्वान-व-अतफाल (स्त्री एवं शिशु रोग) विभाग के शिक्षकों, छात्रों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को तंबाकू के उपयोग के हानिकारक और घातक प्रभावों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए आडियो-विजुअल एड्स प्रस्तुत किए, बैनर प्रदर्शित किए और परामर्श सत्र आयोजित किए।सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए) को लागू करने और तंबाकू मुक्त शैक्षिक संस्थानों (टीओएफईआई) को बढ़ावा देने का कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुरूप आयोजित किया गया।प्रोफेसर सुबूही मुस्तफा (अध्यक्ष, अमराज़-ए-निस्वान-वा-अत्फ़ल विभाग) ने कहा कि छात्रों द्वारा तैयार किए गए धूम्रपान-मुक्त पर्चे और बैनर सभी कार्यालयों में प्रदर्शित किए गए तथा विभाग को गैर-धूम्रपान क्षेत्र घोषित किया गया।डाक्टर दीवान इसरार खान (कार्यक्रम समन्वयक) ने कहा कि इस अभियान के माध्यम से भेजे गए स्वास्थ्य संदेश व्यवहार को बदलने और तंबाकू का उपयोग छोड़ने के लिए लोगों के विश्वास को बनाने में प्रभावी साबित होंगे।विभाग के शिक्षकों प्रोफेसर सैयदा आमिना नाज़, डाक्टर एम अनस, डाक्टर फहमीदा जीनत और डाक्टर अबीहा अहमद खान ने परामर्श सत्र आयोजित करने में मदद की।