अलीगढ़।आज कानपुर के शास्त्री भवन सभागार खलासी लाइन में आयोजित सम्मान समारोह में श्रीमती नीलिमा कटियार राज्य मंत्री, उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रोधोगिकी उत्तर प्रदेश ने हिंदी साहित्य के लिए उत्कृष्ट शिक्षाविद के लिए वाङ्गमय पत्रिका के सम्पादक डॉ. फ़ीरोज़ ख़ान को उनके उल्लेखनीय साहित्यिक योगदान के लिए सम्मानित किया।
डॉ. फ़ीरोज़ खान वाङ्गमय पत्रिका का पिछले 17 वर्ष से अनवरत रूप से सफल सम्पादन कर रहे है। जिसमें उन्होंने हिंदी के कई महत्त्वपूर्ण विमर्श को सृजित किया है क्योंकि वो अक्सर कहते है कि साहित्य का कर्म मानवता की सेवा के लिए है। चाहे वो पंक्ति में प्रथम स्थान पर हो या फिर आखिरी पायदान पर, ऐसा माना जाता है कि जो प्रथम पंक्ति में है वो तो अपना अधिकार सम्भवतः ले ही लेता है लेकिन जो मजबूर आखिर में खड़ा है उस तक उसके अधिकार पहुंच ही नहीं पाते है। साहित्य का ध्येय रहता है कि आखिरी पायदान पर खड़े हुए व्यक्ति के लिए भी साहित्य के माध्यम से उसकी आवाज़ को बुलन्द किया जाए। दरअसल यहीं पीड़ा से विमर्श का प्रारम्भ हो जाता है। इसी के मद्देनज़र मुस्लिम-विमर्श, दलित-विमर्श, स्त्री-विमर्श, किसान-विमर्श, बृद्ध-विमर्श, आदिवासी-विमर्श एवं विकलांग-विमर्श का उदय होता है और साहित्य के पहरुओं ने भी इन विमर्श को जनता तथा संवेदनशील मानवतावादी लेखको, पत्रकारों, जागरूक नागरिकों, कलाकरों तक पहुंचाने का कार्य किया है।
वाङ्गमय पत्रिका का लगभग 17 साल का सफर अनेक कठिनाइयों का रहा है फिर भी इस पत्रिका ने समाज के सभी पहलुओं एवं साहित्य की समस्त विधाओं में अपने अंक निकाले है। इसी के कारण प्रसिद्ध सम्मान “डॉ. सुजाता वर्मा उत्कृष्ट सम्मान शिक्षाविद 2020” प्रदान किया गया है।
सम्मान प्राप्त करने के बाद डॉ. फ़ीरोज़ को सोशल मीडिया, फोन तथा मैसेज के माध्यम से अनेक शुभकामनाएं सन्देश प्राप्त हो रहे है जिसमे सरन पी. वर्मा जी, डॉ. सुरेश अवस्थी, पंकज बाजपेयी (विकास प्रकाशन कानपुर) प्रिया वर्मा, डॉ. कमल मुसद्दी, समरेश सचदेबा, एएमयू हिंदी विभाग के प्रोफेसर मेराज अहमद, अनुसंधान पत्रिका की संपादक डॉ. शगुफ्ता नियाज़, भाभी समीरा अहमद, डॉ. इरशाद हुसैन, डॉ. शमीम, डॉ. मुस्तकीम तथा वाङ्गमय के सहसंपादक अकरम हुसैन, सुबी गुप्ता एवं मनीष गुप्ता ने भी उनको बधाई प्रेषित की है।