अलीगढ़, 10 अप्रैलः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के फारसी विभाग में ईरान कल्चर हाउस, नई दिल्ली के सांस्कृतिक निदेशक श्री कहरमन सुलेमानी के आगमन पर एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के फारसी अनुसंधान सलाहकार केंद्र की प्रो. आजरमी दुख्त सफवी ने मुख्य अतिथि, श्री क़हरमन सुलेमानी व श्री एहसानुल्लाह शकरुल्लाही, पूर्व सांस्कृतिक निदेशक का स्वागत किया। प्रोफेसर आरिफ नजीर, डीन फैकल्टी ऑफ आट्र्स ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
फारसी विभाग की अध्यक्ष प्रो. राना खुर्शीद ने अतिथियों का स्वागत करते हुए फारसी भाषा और साहित्य और भारत-ईरानी संबंधों पर प्रकाश डाला। एहसानुल्लाह शकरुल्लाही ने भारत-ईरान संबंधों के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला।
श्री कहरमन सुलेमानी ने अपने सम्बोधन में कहा कि एक ईरानी के लिए भारत से बेहतर कोई जगह नहीं है। उन्होंने विभाग के सभी छात्रों और शिक्षकों से कहा कि वे सांस्कृतिक केंद्र, ईरान कल्चर हाउस नई दिल्ली से जुड़ें और वहां की सुविधाओं का लाभ उठायें।
कला संकाय के डीन प्रोफेसर आरिफ नजीर ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में फारसी की वर्तमान शिक्षण प्रणाली पर प्रकाश डाला और अनुवाद और कार्यान्वयन पर जोर दिया। प्रो आजरमी दुख्त सफवी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में फारसी शिक्षा और प्रशिक्षण के इतिहास के बारे में बताया और इस विश्वविद्यालय के पूर्व शिक्षकों की शैक्षणिक और साहित्यिक सेवाओं पर भी प्रकाश डाला।
बैठक के अंत में एएमयू के फारसी अनुसंधान केंद्र के निदेशक प्रोफेसर मुहम्मद उस्मान गनी ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया। फारसी विभाग के शिक्षक डॉ मुहम्मद कैसर ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर विभाग के समस्त शिक्षक प्रो. सैयद मोहम्मद असगर, डॉ. जरीना खान, डॉ. एहतशामुद्दीन, डॉ. फौजिया वहीद, डॉ. कमर आलम, डॉ. अहमद नवीद यासिर, डॉ. मुहम्मद तौसीफ, डॉ. हिना इशाक, छात्र-छात्राएं आदि मौजूद रहे।
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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय