प्रोफेसर मोहम्मद हनीफ बेग के निधन पर एएमयू में शोक

अलीगढ़ 6 अप्रैलः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय समुदाय ने प्रख्यात कार्डियोथोरेसिक, वैस्कुलर सर्जन और एएमयू के पूर्व प्रो-वाइस चांसलर, 69 वर्षीय प्रोफेसर मोहम्मद हनीफ बेग के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। जिन्होंने आज सुबह मुरादाबाद में अंतिम सांस ली।वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें आज यूनिवर्सिटी कब्रिस्तान में सुपुर्देखाक किया गया।

प्रो बेग के शोक संतप्त परिवार और एएमयू बिरादरी के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए वाइस चांसलर प्रो मोहम्मद गुलरेज ने कहा कि ‘मैं प्रो बेग के परिवार और एएमयू समुदाय के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और इस कठिन समय में उनके प्रियजनों के लिए सांत्वना की प्रार्थना करता हूं। वह एक निस्वार्थ व्यक्ति थे। जिन्होंने एक प्रतिष्ठित सर्जन और अनुभवी शिक्षक के रूप में प्रशंसा, आदर और सम्मान अर्जित किया और जिन्होंने जेएन मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालय में कई विकासात्मक कार्यों की शुरुआत की।

उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में, हम प्रोफेसर बेग के परिवार के दर्द को साझा करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें इस नुकसान को सहन करने की शक्ति और साहस दे।

प्रो आजम हसीन, अध्यक्ष कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग, ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और शोक संतप्त परिवार के लिए सांत्वना की प्रार्थना की।

उन्होंने कहा कि प्रो बेग ने छात्रों को दृढ़ समर्पण के साथ शिक्षा दी और उन्हें अपनी अधिकतम क्षमता के अनुकूल सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने शैक्षिक और पेशेवर प्रगति के लिए महत्वपूर्ण करियर के लिए युवा साथियों का भी मार्गदर्शन किया।

प्रोफेसर बेग ने डीन, फैकल्टी ऑफ मेडिसिन और चेयरपर्सनए सर्जरी विभाग, जेएनएमसी के रूप में अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग की स्थापना और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 1988 में जेएनएमसी में ओपन हार्ट सर्जरी प्रक्रिया शुरू की।

प्रोफेसर बेग ने 1976 में केजी मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से एमबीबीएस किया और 1980 से 1982 तक पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ से एमएस सर्जरी, और एमसीएच सीवीटीएस, की डिग्रियां अर्जित कीं। वह 1983 में जेएनएमसी में लेक्चरर के रूप में शामिल हुए और 1988 में रीडर और 1993 में प्रोफेसर बने। वह 2019 में सेवानिवृत हो गये थे।

प्रोफेसर बेग को 1983 से एंडोस्कोपी और एंडोस्कोपिक तरीकों से एयरो डाइजेस्टिव ट्रैक्ट्स से विभिन्न बाहरी तत्वों को हटाने के प्रदर्शन में अग्रणी माना जाता रहा है।

उन्होंने ‘इंटरकोस्टल ट्यूब ड्रेनेज सिस्टम्स की डिजाइनिंग जैसी कई नई तकनीकों का आविष्कार किया है, जिससे रोजाना लोगों की जान बचाने में सहायता मिलती है।

प्रोफेसर बेग के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटी और दो बेटे हैं।

  • Related Posts

    अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पेपर प्रस्तुति

    अलीगढ़, 3 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के के.ए. निजामी सेंटर फॉर कुरानिक स्टडीज के मानद निदेशक प्रोफेसर अब्दुर रहीम किदवई ने 1-2 जुलाई को संयुक्त राज्य अमेरिका में एलक्यूआरए एसोसिएशन द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय…

    एएमयू वन्य जीव विशेषज्ञ डा. उरूस द्वारा कस्तूरी मृग पर व्याख्यान

    अलीगढ़ 3 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वन्यजीव विज्ञान विभाग की डॉ. उरुस इलियास ने ‘आयुर्वेदिक फार्मास्यूटिक्स में कस्तूरी का महत्व और चुनौतियाँ’ विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार में ‘कस्तूरी मृगः संरक्षण के 50 वर्ष’ पर ‘स्वर्ण जयंती व्याख्यान’ प्रस्तुत…

    You Missed

    क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में 9वें यूनानी दिवस का उद्घाटन

    क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में 9वें यूनानी दिवस  का उद्घाटन

    Bharat Digital Academy Launches Data Science and Data Analytics Course

    Bharat Digital Academy Launches Data Science and Data Analytics Course

    Alif School Honours Veteran Educators with Prestigious Alif Edu Award ’24

    Alif School Honours Veteran Educators with Prestigious Alif Edu Award ’24

    Lecture on “Impact of Plastic on Human Health” Held at Regional Unani Medical Research Institute

    Lecture on “Impact of Plastic on Human Health” Held at Regional Unani Medical Research Institute

    Gandhi’s Harijan Newspaper Displayed at AMU Library Exhibition

    Gandhi’s Harijan Newspaper Displayed at AMU Library Exhibition

    Development of Hindi and its role in India’s identity: Dr. Hameed

    Development of Hindi and its role in India’s identity: Dr. Hameed
    × How can I help you?