अलीगढ़, 22 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय केे जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष और कार्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया, यूपी चैप्टर के अध्यक्ष, प्रो. एमयू रब्बानी पे जेएनएमसी में जटिल कार्डियोलॉजी प्रक्रियाओं एवं सर्जरी की सफलता के बारे में विस्तार से चचा की।उन्होंने हाल ही में लखनऊ में आयोजित कार्डियोलॉजी सोसाइटी, यूपी चैप्टर की ‘कोरोनरी एंड स्ट्रक्चरल इंटरवेंशन काउंसिल मीट’ में जेएनएमसी के कोरोनरी एंजियोप्लास्टी और पेसमेकर डेटा का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया। प्रो. रब्बानी ने बताया कि किस प्रकार संकुचित धमनियों को ठीक करने के लिए डॉक्टरों द्वारा निर्देशित दवाओं और कैथीटेराइजेशन सहित जीवनशैली में बदलाव से हृदय रोग से पीड़ित लोगों को बहुत लाभ हुआ है।
संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञों के साथ सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन (टीएवीआई) पर चर्चा की।प्रोफेसर रब्बानी ने कहा कि टीएवीआई एक उभरती हुई तकनीक है जहां चुनिंदा मरीजों में ओपन हार्ट सर्जरी के बिना महाधमनी वाल्व प्रतिस्थापन किया जा सकता है। उन्होंने युवा विशेषज्ञों को कोरोनरी और अन्य हृदय संबंधी हस्तक्षेपों के मामलों को प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया।