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Thursday, April 25, 2024
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आदित्य मेनन ने दिया एएमयू साहित्य महोत्सव का उद्घाटन भाषण

अलीगढ़, 20 मईः नई दिल्ली से पधारे राजनीतिक पत्रकार, आदित्य मेनन ने आज अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में क्षेत्रीय राजनीति, चुनाव डेटा, कॉर्पाेरेट-राजनीतिक गठजोड़ और अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किये। वह यूनिवर्सिटी डिबेटिंग एंड लिटरेरी क्लब द्वारा आयोजित तीन दिवसीय (20 से 22 मई) साहित्यिक महोत्सव के उद्घाटन समारोह में ‘ए डेमोक्रेसी विदाउट एन ओप्पोसिशन, डिकोडिंग द इंडियन पॉलिटिकल लैंडस्केप’ विषय पर बोल रहे थे।

आदित्य मेनन ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र की विशेषता पारस्परिक जवाबदेही की प्रणाली और एक बहुत ही महत्वपूर्ण विचार-विमर्श की प्रक्रिया है। विधायिका संवैधानिक रूप से कार्यपालिका को जवाबदेह ठहराने के लिए बाध्य है। विपक्ष को इसे वास्तव में सरकार से भी ज्यादा समझना चाहिए।

उन्होंने जोर देकर कहा कि विपक्ष को सरकार की तरह शक्तिशाली होना चाहिए क्योंकि सरकार और विपक्ष के बीच सहयोग व्यवस्था को बल देगा।

आदित्य ने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में किसी भी लोकतंत्र में आबादी का एक बड़ा बहुमत एक पार्टी द्वारा शासित नहीं है। यह लोगों के प्रति दृढ़ निष्ठा के साथ एक मजबूत विपक्ष की आवश्यकता पर जोर देता है। उन्होंने कहा कि एक कमजोर विपक्ष एक कमजोर सरकार से कहीं ज्यादा खतरनाक होता है।

आदित्य ने कहा कि एक गैर-जिम्मेदार सरकार एक डरपोक विपक्ष के साथ मिलकर समस्याऐं पैदा करती  हैं। सत्ताधारी दल के लिए यह स्पष्ट होना चाहिए कि विपक्षी दलों के साथ तालमेल बिठाना आवश्यक है। इसलिए, विपक्ष को कानून बनाने की प्रक्रिया में सही और समान प्रतिभागियों के रूप में मौजूद रहना चाहिए।

इस अवसर पर प्रोफेसर एफएस शीरानी (समन्वयक, सांस्कृतिक शिक्षा केंद्र) और डॉ सदफ फरीद (अध्यक्ष, विश्वविद्यालय वाद-विवाद और साहित्य क्लब) ने आदित्य को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

आदित्य ने पहले दिन का न्यूजलेटर भी जारी किया, जिसे हलीमा सलीम (यूडीएलसी सदस्य) ने उन्हें भेंट किया।

मोहम्मद सबीह अहमद (यूडीएलसी सचिव) ने स्वागत भाषण दिया और आसिफ सऊद ने उद्घाटन समारोह का संचालन किया।

उद्घाटन समारोह में प्रसिद्ध राजनीतिक इतिहासकार, डॉ लॉरेंस गौशियर ने ज़ैनब नकवी के साथ चर्चा की।

प्रख्यात उपन्यासकार तथा साहित्य एकेडमी पुरस्कार विजेता रहमान अब्बास, प्रोफेसर एम शाफे किदवई (जनसंचार विभाग) तथा प्रोफेसर तारिक छतारी ‘सामाजिक यथार्थवाद और समकालीन उर्दू उपन्यासों से परे’ विषय पर एक पैनल चर्चा में शामिल हुए जिसके बाद अब्दुल सबूर किदवई और डॉ अजरा राजा के बीच एक मनोरंजक ऑनलाइन साहित्यिक संवाद भी हुआ।

उद्घाटन दिवस का समापन संगीतमय प्रस्तुति ‘रेड टी-रैपः द बैंड’ के साथ होगा।

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