अलीगढ़, 2 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीमेंस कालेज के संस्थापक शेख मुहम्मद अब्दुल्ला पापा मियां और उनकी पत्नी वहीद जहां बेगम की शादी की सालगिरह पर मनाये जाने वाले संस्थापक दिवस के अवसर पर कालेज में फातेहा ख्वानी तथा सामुहिक दुआ का आयोजन किया गया जिसमें प्रिंसिपल प्रोफेसर नईमा खातून के साथ ही कॉलेज के अन्य टीचर्स और नान टीचिंग स्टाफ ने हिस्सा लिया।
वीमेंस कालेज की प्राचार्या प्रोफेसर नईमा खातून ने कहा कि शेख मोहम्मद अब्दुल्ला और उनकी पत्नी वहीद जहां बेगम ने वीमेंस कालेज की स्थापना तथा विकास में असाधारण सेवाएं दीं। इन दोनों व्यक्तित्वों ने महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने और विशेष रूप से मुस्लिम लड़कियों की शैक्षिक उन्नति के लिए अमूल्य सेवाएं प्रदान की हैं। उनकी सेवाओं के दृष्टिगत शेख मुहम्मद अब्दुल्ला और वहीद जहां बेगम विवाह के दिन को कालिज के संस्थापक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रोफेसर नईमा खातून ने कहा कि शेख मोहम्मद अब्दुल्ला और उनकी पत्नी ने संयुक्त रूप से वर्ष 1906 में अलीगढ़ शहर के अपर फोर्ट क्षेत्र में एक महिला स्कूल के नाम से एक छोटी सी संस्था खोली जिसने बाद में वीमेंस कालिज का रूप धारण कर लिया जहां देश-विदेश से आने वाली छात्राएं उच्च शिक्षा ग्रहण करती हैं। उन्होंने कहा कि यह कालेज सर सैयद के शैक्षिक आंदोलन के विस्तार और विकास का एक रूप है।
इस अवसर पर वीमेंस महाविद्यालय के तीन दिवंगत शिक्षकों प्रोफेसर काजी जमशेद, प्रोफेसर एहसानुल्लाह फहद और डा० मुहम्मद फुरकान के लिए भी प्रार्थना की गई, जिनकी कोरोना महामारी में मृत्यु हो गई थी।
अब्दुल्ला हाल की प्रोवोस्ट डा० ग़ज़ाला नाहीद, गर्ल्स हाई स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमति आमना मलिक, सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमति नगमा इरफ़ान और कालेज और स्कूल के सभी टीचिंग और नान टीचिंग स्टाफ ने फातेहा ख्वानी में भाग लिया।