अलीगढ़, 24 जनवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की वीमेंस पालिटेक्निक की छात्राओं को विदेश में शिक्षा के क्षेत्र में जानकारी एवं परामर्श देने के लिए प्रशिक्षण एवं नियोजन कार्यालय (सामान्य) द्वारा दो दिवसीय आनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें अमेरिका में बसे डा० सैयद मुसरत अली (अध्यक्ष, सर सैयद एक्सीलेंस इन साइंस अवार्ड) ने कहा कि सभी छात्र अपने लिए सर्वश्रेष्ठ करियर चाहते हैं, लेकिन जानकारी की कमी के कारण वे सही निर्णय नहीं ले पाते।
उन्होंने कहा कि छात्रों को पश्चिमी देशों में शिक्षा के लिए सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों का चयन करना चाहिए और इसके लिए उन्हें विश्वसनीय और प्रतिष्ठित स्रोतों से जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि परीक्षा में अच्छे प्रदर्शन के साथ-साथ टीओईएफएल, आईईएलटीएस, जीआरई या जीमैट जैसी परीक्षाओं में अच्छे अंक लाना भी जरूरी है।
डा० अली ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूरोपीय देशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के दौरान छात्रों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। ये चुनौतियाँ सांस्कृतिक अंतर, भाषा अंतर, स्वास्थ्य और आवास के मुद्दों, समर्थन सेवाओं की कमी या वित्तीय कठिनाइयों के कारण हो सकती हैं। विभिन्न विदेशी विश्वविद्यालयों की प्रवेश प्रक्रिया के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि एक बार इन समस्याओं के दूर हो जाने के बाद विदेश में अध्ययन का अनुभव जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
सुश्री आयशा खान (ग्रेजुएट प्रोसेस इंजीनियर, वर्ली, जर्मनी) ने जर्मन विश्वविद्यालय शिक्षा प्रणाली के लिए एक अच्छा बायोडाटा बनाने की सलाह दी। उन्होंने वहां की विभिन्न छात्रवृत्तियों के बारे में भी उल्लेख किया जिनसे छात्र लाभान्वित हो सकते हैं।
सुश्री हुमा खान (डेक्कन यूनिवर्सिटी, आस्ट्रेलिया) ने विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए सिफारिश के पत्रों के महत्व को समझाया, जबकि कामनवेल्थ स्कालर सबा आमिर (यूनिवर्सिटी आफ बर्मिंघम, यूके) ने उद्देश्य लेखन लिखने के महत्व को समझाया। अन्य विशेषज्ञों ने अंग्रेजी भाषा परीक्षण, टीओईएफएल और आईईएलटीएस तैयारी के बारे में बात की।
श्री साद हमीद, प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट अधिकारी (सामान्य) ने समापन भाषण दिया, जबकि डा० मुजम्मिल मुश्ताक (सहायक प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट अधिकारी) ने स्वागत भाषण दिया।
महिला पालिटेक्निक की संकाय सदस्य उमराह मरियम और तारिक अहमद तकनीकी सत्र समन्वयक थे। डा० मुहम्मद ज़ैन खान ने धन्यवाद दिया।








