अलीगढ़, 2 दिसंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के तहफ्फुजी व समाजी तिब विभाग ने विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रूबी अंजुम के मार्गदर्शन में अजमल खान तिब्बिया कालेज एवं अस्पताल परिसर में विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रो. शगुफ्ता अलीम (प्राचार्य, अजमल खान तिब्बिया कालेज) ने कहा कि एड्स के खतरों और इसकी रोकथाम के बारे में सभी को जागरूक होना चाहिए। इस बीमारी के लक्षणों के बारे में जन जागरूकता इसके प्रसार को रोकने का मुख्य उपाय है।प्रोफेसर एफएस शेरानी (डीन, फैकल्टी आफ यूनानी मेडीसिन) ने विश्व एड्स दिवस पर इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित थीम ‘असमानता को खत्म करो, एड्स को खत्म करो’ पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को असुरक्षित तरीके से सुई लगाने, असुरक्षित रक्त चढ़ाने तथा पुरानी सीरिंज और ब्लेड के पुनः उपयोग से एड्स हो सकता है। इस सम्बन्ध में जनजागरूकता की अधिक आवश्यकता है।प्रोफेसर रूबी अंजुम ने एड्स नियंत्रण के विभिन्न उपायों पर अपने विचार साझा किए। अस्पताल प्रभारी डा मुहम्मद मोहसिन ने कहा कि सामाजिक स्तर पर एचआईवी से संबंधित सेवाओं तक पहुंच में बहुत असमानता पाई जाती है और इसे पाटने की जरूरत है। डा अम्मार इब्ने अनवर और डा अब्दुल अजीज खान ने भी जागरूकता के महत्व पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर सूचनात्मक पर्चे वितरित किए गए और पोस्टर लगाए गए। कार्यक्रम के आयोजन में डा. एम. उस्मान ने अहम भूमिका निभाई। कार्यक्रम में विभाग के शिक्षक, अस्पताल के कर्मचारी, पीजी स्कालर्स, बीयूएमएस के छात्र और प्रशिक्षु शामिल हुए।








