

जर्मनी। सर सैयद अहमद खाँ की 204 वीं जयंती को एएमयू ओल्ड ब्वॉयज एसोसिएशन के जर्मन चैप्टर ने स्ट्टगार्ड में मनाया। इस अवसर पर जर्मनी के लगभग 100 अलीग की सभा में उनके परिजन भी शामिल थे। ए.एम.यू. पूर्व छात्र और वर्तमान मे किवमडिस ग्रुप फ़्रांस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ.अजाक्स के. मोहम्म्द ने कहा किस प्रकार पश्चिमी शिक्षा के साथ धार्मिक शिक्षा और सांप्रदायिक सौहार्द के साथ बहुसांस्कृतिक सहअस्तित्व और सदभाव के महत्व को संस्थापक द्वारा बताया गया है। उन्होने कहा कि हम ए.एम.यू. के राजदूत के रूप में आवश्यक रूप से एक आशा की किरण के रूप में उदाहरण प्रस्तुत करें जो उप महाद्वीप में हमारे महान संस्थापक द्वारा प्रज्ज्वलित की गई थी। समारोह के मुख्य अतिथि इंट्रीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के कुलपति और एएमयू के पूर्व छत्र डॉ.जावेद मुसर्रत ने कहा गया कि सर सैयद अहमद खाँ का विश्वास था कि शैक्षिक विकास एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हुए लम्बे समय तक चलने वाले शांतिपूर्ण सहदृअस्तित्व और सांप्रदायिक सद्भाव को कायम करती है। उन्होने ए.एम.यू. कॉलेज की स्थापना के कालक्रम को भी साझा करते हुए बताया कि यह कॉलेज वर्ष 1920 में एक विश्वविद्यालय के रूप में उन्नत हुआ।

कार्यक्रर्म के संचालक इमरान अहमद ने बताया कि वर्तमान में एसोसिएशन की क्या गतिविधियां एवं लक्ष्य की जानकारी देते हुए बताया कि मात्र 6 सदस्यों से शुरू होकर आज यह जर्मनी में रहने वाले 120 ए.एम.यू. छात्रांे का एक संगठन हैं जो अपने शैक्षिक विकास को साझा करते हुए जर्मन एक्ट में इस वर्ष के अंत तक पंजीकृत किया जाएगा। इस एसोसिएशन को इस मुख्य उद्देश्य के साथ परिकल्पित किया गया है कि वह जर्मनी में शिक्षा के अवसरों को भारतीयों के मध्य जागरूक करे और विभिन्न छात्रवृत्ति कार्यक्रम को भारत एवं अपने मातृ.संस्था के छात्रो को भी इसकी जानकारी भी दी जाएगी।

अंत में ए.एम.यू.के पूर्व छात्र फराज इस्लाम ने बताया कि किस प्रकार महामारी के दौरान एसोशिएशन ने ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर ऑक्सीमीटर और मास्क को एन.जी.ओ. संस्था “सोच” के माध्यम से उपलब्ध कराया। जब प्रवासी भारतीयो कि बात आती है तो हम देख सकते है कि ए.एम.यू.समुदाय की कुछ प्रमुख उप्लब्धियों रही हैं। उन्होंने डॉ. अजाक्स के मोहम्म्द की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। रिसर्च स्कॉलर एसोसिएशन) के उपाध्यक्ष (1995-96) थे जिनके द्वारा वर्ष 2000 में जर्मनी में एसोसिएशन की शुरुआत हुई थी। जिसकी प्रारंभिक स्मारक बैठक फ्रैंकफर्ट में लगभग 30 अलीगों को संगठित करके की गई थी। उन्होंने कई छात्रों को जर्मनी में आने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और विभिन्न क्षेत्रों में कैरियर शुरू करने में मदद भी की थी।
वर्तमानए एम.यू.पूर्व छात्रों की जर्मनी में एसोसिएशन को सक्रिय रूप से डॉ. सुहेल अहमद, डॉ. रेहान अहमद सिद्दीकी, इमरान अहमद, मोहम्मद हाशिम, फ़राज़ इस्लाम, शारिक खान और मोहम्मद खान द्वारा संचालित किया जा रहा है।