कानपुर। नगर के चर्चित और युवा कथाकार डॉ० लवलेश दत्त का प्रथम उपन्यास ‘दर्द न जाने कोई’ कानपुर के विकास प्रकाशन से प्रकाशित हो गया है। यह उपन्यास एक ट्रांसजेंडर वुमेन पर आधारित है। इस उपन्यास में एक पुरुष से स्त्री बनने की कथा को विभिन्न घटनाओं के माध्यम से लेखक लवलेश दत्त ने अभिव्यक्त किया है। इससे पहले डॉ० लवलेश के दो कविता संग्रह, तीन कहानी संग्रह तथा दो संपादित पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। आज उपन्यास का औपचारिक लोकार्पण देश के प्रख्यात साहित्यकार श्री मधुरेश जी के वमनपुरी स्थित आवास पर हुआ। उपन्यास पर चर्चा करते हुए मधुरेश जी ने कहा कि डॉ० लवलेश की लेखनी एक आशा जगाती है। उनकी कहानियों की तरह यह उपन्यास भी खूब चर्चित होगा, ऐसा मेरा विश्वास है। विगत बीस वर्षों से साहित्य सृजन में लीन डॉ० लवलेश की कहानियाँ, कविताएँ एवं आलेख राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। इस अवसर पर प्रख्यात साहित्यकार श्री रमेश गौतम, साहित्य मनीषी एवं इतिहासकार श्री रणजीत पांचाले, श्री देवेन्द्र उपाध्याय, श्रीमती कृष्णा दत्त, अनुकृति आदि उपस्थित रहे। सभी ने डॉ लवलेश के उपन्यास प्रकाशन पर हार्दिक बधाई दी।