अलीगढ़, 3 मईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के भूविज्ञान विभाग द्वारा पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में एक सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें नारा लेखन और पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता, विशेष व्याख्यान और वृक्षारोपण अभियान सहित कई गतिविधियाँ आयोजित शामिल हैं।
समापन समारोह की अध्यक्षता एएमयू के कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज ने की। अपने संबोधन में उन्होंने जलवायु परिवर्तन की समस्या और उससे जुड़े प्रभावों पर प्रकाश डाला।
प्रोफेसर गुलरेज ने विभाग की पहल और इसके अनुसंधान और प्लेसमेंट गतिविधियों की सराहना की।
मुख्य अतिथि डॉ कलाचंद सैन, निदेशक, वाडिया संस्थान, और विभागाध्यक्ष, प्रो. कुंवर फरहीम खान ने श्रोताओं को संबोधित किया और हमारे ग्रह को बचाने में भूविज्ञान के महत्व पर जोर दिया।
स्लोगन व पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को कुलपति, अध्यक्ष, संयोजक व आयोजन सचिव ने पुरस्कार व प्रमाण पत्र वितरित किए।
समापन समारोह के बाद डॉ कलाचंद सेन द्वारा ‘हिमालय में जियोहजार्ड्स और प्रशंसनीय शमन’ पर एक विशेष तकनीकी व्याख्यान दिया गया। डॉ. सेन ने हिमालयी क्षेत्र में केदारनाथ और चमोली आपदा जैसी हालिया विनाशकारी घटनाओं से सीखे जाने वाले सबक पर चर्चा की।
उन्होंने इन विनाशकारी घटनाओं और हिमालय में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के तरीकों पर अपने हालिया शोध को भी साझा किया।
आयोजन सचिव प्रो. एम.ई.ए. मंडल ने कार्यक्रम का संचालन किया, जबकि कार्यक्रम के संयोजक प्रो राशिद उमर ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
भारत के जी-20 प्रेसीडेंसी के तत्वाधान में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ या ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की थीम के सन्दर्भ में विभाग परिसर में एक वृक्षारोपण अभियान भी आयोजित किया गया। इस अवसर पर कर्मचारियों और छात्रों को वृक्षारोपण की आवश्यकता और पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए पेड़ कैसे महत्वपूर्ण हैं, के बारे में जागरूक किया गया।
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