अलीगढ़ 17 अप्रैलः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अपनी तरह की पहली सर्जरी में श्रवण बाधित दो बच्चों का ओटोरहिनोलारिंजोलॉजी विभाग (ईएनटी) के डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन किया गया, जिन्होंने उनकी कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी अंजाम दी। यह सर्जरी अली यावर जंग नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग डिसएबिलिटीज (दियंगजन), विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग, सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट मंत्रालय, भारत सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओई) के अंतर्गत की गयीं।
दो बच्चों, फातिमा (3 वर्ष) और साद (5 वर्ष) की सर्जरी डॉ आफताब अहमद ने डॉ अब्दुर रहमान और डॉ दानिश अहमद खान (एसआर) की सहायता से सफलतापूर्वक अंजाम दी गई। यह सर्जरी प्रो. राकेश कुमार (एम्स, नई दिल्ली) के मार्गदर्शन में की गई और प्रो. एस. मुईद अहमद और उनकी टीम द्वारा रोगियों को एनेस्थीसिया दिया गया।
इस दौरान, प्रोफेसर राकेश कुमार (ओटोलैरिंजोलॉजी और हेड एंड नेक सर्जरी विभाग, एम्स, नई दिल्ली) ने जन्मजात बहरेपन के प्रसार, निदान और प्रबंधन पर एक विस्तार व्याख्यान दिया।
डॉ अरविंद कुमार (ओटोलरींगोलोजी और हेड एंड नेक सर्जरी, एम्स, नई दिल्ली) ने कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी के व्यावहारिक पहलुओं पर चर्चा की।
प्रो. एस.सी. शर्मा (पूर्व अध्यक्ष, ईएनटी विभाग, एएमयू) ने जे.एन. मेडिकल कॉलेज में कॉक्लियर इम्प्लांट प्रोग्राम शुरू करने की यात्रा पर चर्चा की और सफलतापूर्वक सर्जरी करने के लिए डॉक्टरों की टीम को बधाई दी।
प्रो. वीणा माहेश्वरी (डीन, चिकित्सा संकाय) ने ईएनटी विभाग को यह कार्यक्रम शुरू करने और इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने वाला उत्तर प्रदेश का चैथा सरकारी केंद्र बनने पर बधाई दी।
प्रोफेसर राकेश भार्गव (प्रिंसिपल और सीएमएस, जेएनएमसी) ने समाज में बहरेपन के बढ़ते प्रसार के बारे में चिंता व्यक्त की और श्रवण संरक्षण विधियों पर जोर दिया क्योंकि हर व्यक्ति के जीवन चक्र में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
ईएनटी विभाग के अध्यक्ष, प्रो. मोहम्मद आफताब ने जन्मजात बहरेपन की सामान्य घटना और रोगियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं द्वारा इस स्थिति की बेहतर समझ के साथ इसके महत्व पर चर्चा की।