जेएनएमसी के डॉक्टरों ने 10 साल के बच्चे को पेसमेकर लगाया

अलीगढ़, 29 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने एक 10 वर्षीय लड़के के जीवन को बचाने के लिए स्थायी पेसमेकर का सफल आरोपण किया, जो पोस्ट-कोविड मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम से पीड़ित था जिसके फलस्वरूप उसका ह्रदय पूरी तरह से ब्लॉक हो चुका था। जेएनएमसी में इतने छोटे बच्चे पर किया गया यह अपनी तरह का पहला ऑपरेशन था।जेएनएमसी के कार्डियोलॉजी ओपीडी में भर्ती बच्चे को पूर्ण हृदय ब्लॉक का पता चला था और उसके अक्सर बेहोश हो जाने का इतिहास था। डॉक्टरों ने उसके परिक्षण के बाद एक स्थायी पेसमेकर लगाने का निर्णय लिया।कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर एमयू रब्बानी, जिन्होंने पीडियाट्रिक कार्डिएक यूनिट के नोडल ऑफिसर, डॉ शाद अबकरी, डॉ एम माज किदवई और डॉ ईमान नईम की टीम के साथ शल्य प्रक्रिया का नेतृत्व किया, ने बताया कि बच्चे को पहले कोविड संक्रमण से पीड़ित होने के बाद विकसित होने वाले मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम से इलाज किया गया। लेकिन उसे फिर से हार्ट ब्लॉक हो गया और उसे ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद हमने स्थायी पेसमेकर इम्प्लांटेशन का निर्णय लिया।प्रोफेसर रब्बानी ने कहा कि पेसमेकर ने बच्चे की हृदय गति को तुरंत बढ़ा दिया और पूरी तरह से ठीक होने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई।डॉक्टर शाद अबकरी ने बताया कि यद्यपि वयस्कों में पेसमेकर आरोपण आम है परन्तु यह एक दुर्लभ मामला है जिसमें एक 10 वर्षीय बालक ने चीरा लगाने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया और शरीर के अंदर पल्स जनरेटर को जोड़ने वाले उपकरण के इम्प्लांट की प्रक्रिया पूरी हो पायी जो रक्त को हृदय तक ले जाता है।प्रोफेसर रब्बानी और उनकी टीम को बधाई देते हुए एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि पूर्ण ह्रदय ब्लॉक की समस्या से ग्रस्त बच्चे जिन्हें महानगरों के निजी अस्पतालों में अत्यधिक शुल्क देना पड़ता है, वे इलाज के लिए जेएनएमसी आ सकते हैं। हमारे डॉक्टर और सर्जन इन जटिल प्रक्रियाओं का सफलतापूर्वक अंजाम दे रहे हैं।जेएनएमसी के प्रिंसिपल, प्रोफेसर शाहिद ए सिद्दीकी ने कहा कि जेएनएमसी हृदय की समस्याओं वाले बच्चों को सर्वाेत्तम हृदय देखभाल प्रदान करने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है।

  • Mohammad Rafiq

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