अलीगढ़ 25 मईः विभिन्न प्रकार के बढ़ते साइबर खतरे के दृष्टिगत विशेषग्यता बढ़ने के उद्देश्य से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग ने इस क्षेत्र में काम कर रहे छात्रों, पेशेवरों और विशेषज्ञों के लिए ‘साइबर सुरक्षा अनिवार्यता’ पर 7 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस का उद्देश्य व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से उनके ज्ञान को बढ़ाना था।
कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर मोहम्मद अशरफ (डीन, विज्ञान संकाय) ने प्रासंगिक विषय चुनने के लिए कार्यशाला के आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा उपायों का विशिष्ट ज्ञान समय की आवश्यकता है और इस तरह की कार्यशालाएं छात्रों को साइबर उद्योग में भविष्य की संभावनाओं और करियर के अवसरों की स्पष्ट तस्वीर प्रदान करती हैं।
मानद अतिथि, प्रोफेसर मोहम्मद नफीस अहमद अंसारी (निदेशक, सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन लर्निंग, एएमयू) ने कहा कि हालांकि ऑनलाइन लेनदेन लोगों के लिए सुविधाजनक और फायदेमंद हैं, लेकिन वे डेटा चोरी, ऑनलाइन लेनदेन धोखाधड़ी और घोटाले सहित गंभीर खतरे भी पैदा करते हैं। उन्होंने साइबर सुरक्षा मुद्दों से निपटने के लिए आवश्यक तकनीकी ज्ञान और क्षमता से लैस विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करने और तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया।
मानद अतिथि, डॉ परवेज महमूद खान (निदेशक, प्रो एम एन फारूकी कंप्यूटर सेंटर, एएमयू) ने कहा कि इंटरनेट ने दुनिया को एक वैश्विक गांव में बदल दिया है और साइबर सुरक्षा का ज्ञान उन पेशेवरों के लिए आवश्यक है जो साइबर स्पेस को हमले, क्षति, दुरुपयोग और आर्थिक जासूसी से बचाना चाहते हैं।
कंप्यूटर विज्ञान स्नातक और साइबर सुरक्षा के विशेषज्ञ, श्री अनस जाकिर ने एक संसाधन व्यक्ति के रूप में कार्यशाला के संचालन में सहायता की। उन्होंने एएमयू वेबसाइट, क्रू क्लॉथिंग (यूके स्थित फैशन और क्लोदिंग कंपनी), हबस्पॉट (सॉफ्टवेयर और मार्केटिंग के विकास की अमेरिकी कंपनी), नायका (एक भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी), बिजनेस रिपोर्टर (यूके स्थित समाचार कंपनी), आदि जैसे 30 से अधिक ऐप्स डेवेलप किए हैं।
इससे पूर्व, प्रोफेसर आसिम जफर ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यशाला के आयोजन के लिए डॉ फैसल अनवर के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर उद्योग को साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की सख्त जरूरत है और कंप्यूटर विज्ञान विभाग इस क्षेत्र में और कार्यशालाएं आयोजित करने की योजना बना रहा है।
प्रतिभागियों को सहभागिता का प्रमाण पत्र दिया गया और डॉ अरमान रसूल फरीदी ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।