अंतःविषयी व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन
अलीगढ़, 17 मईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों ने एनेस्थिसियोलॉजी और क्रिटिकल केयर विभाग द्वारा आयोजित अंतःविषयी व्याख्यान श्रृंखला में ‘सामान्य और असामान्य इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी’ से लेकर ‘न्यूमोथोरैक्स के प्रबंधन’ और ‘रेडियोलॉजिकल फाइंडिंग्स’ तक असंख्य अवधारणाओं और विषयों पर विचार विमर्श किया।
प्रोफेसर एमयू रब्बानी (अध्यक्ष, कार्डियोलॉजी विभाग) ने बताया कि कैसे कभी-कभी एक इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) असामान्यता दिल की धड़कन की लय का एक सामान्य बदलाव होता है जो स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं करता लेकिन कभी-कभी, एक असामान्य ईसीजी एक चिकित्सा आपातकाल का संकेत दे सकता है, जैसे म्योकार्डीनल इन्फार्क्शन, दिल का दौरा या एक खतरनाक अरदमिया।
दो दिनों तक चले व्याख्यान में उन्होंने बुनियादी और जटिल ईसीजी निष्कर्षों और उनकी प्रासंगिक व्याख्याओं पर चर्चा की।
अपने व्याख्यान के बाद, प्रोफेसर रब्बानी ने परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले स्नातकोत्तर छात्रों को सामान्य और असामान्य ईसीजी पर अपनी पुस्तक की मुफ्त प्रतियां भी प्रदान की।
प्रोफेसर आज़म हसीन (अध्यक्ष, कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग) ने ‘न्यूमोथोरैक्स, प्योथोरैक्स और डीप वेन थ्रोम्बोसिस की पहचान और प्रबंधन’ पर एक व्याख्यान दिया।
उन्होंने न्यूमोथोरैक्स के प्रबंधन के लिए ऑब्जर्वेशन, नीडल एस्पिरेशन, चेस्ट ट्यूब इंसर्शन, नॉनसर्जिकल रिपेयर और सर्जरी के विकल्पों पर विचार-विमर्श किया और क्लॉट्स को बड़ा होने से रोकने और डीप वेन थ्रॉम्बोसिस से पीड़ित रोगियों के लिए अधिक क्लॉट विकसित होने के जोखिम को कम करने के लिए दवाओं के उपयोग पर विचार किया।
डाक्टर महताब अहमद (एसोसिएट प्रोफेसर, रेडियोडायग्नोसिस विभाग) ने ‘एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी’ और ‘एनेस्थीसिया और गहन देखभाल प्रथाओं में प्रासंगिक सामान्य और असामान्य रोगों की एमआरआई’ पर रेडियोलॉजिकल फाइंडिंग्स पर बात की।
प्रोफेसर काजी एहसान अली (अध्यक्ष, एनेस्थिसियोलॉजी और क्रिटिकल केयर विभाग) ने कहा कि अंतःविषयी व्याख्यान शिक्षकों और छात्रों के लिए अत्यधिक फायदेमंद रहे हैं। उन्होंने अपनी विशेषज्ञता साझा करने के लिए वक्ताओं का आभार व्यक्त किया।








