अलीगढ़, 29 अक्टूबरः अलीगढ़ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संगठन ‘बज़्म-ए-अदब महिला’ की बैठक शेदा सलमान के उर्दू बाग स्थित आवास पर आयोजित की गई।सुश्री आसिफ इजहार अली ने बज़्म की पिछली रिपोर्ट पेश की।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का प्रकोप पूरी दुनिया में शुरू हुआ और इसने हमारे शहर अलीगढ़ को भी अपनी चपेट में ले लिया। एक के बाद एक अलीगढ़ की काबिल और महान शख्सियतों ने अपनी अमूल्य जान गंवाई।बैठक में बज़्म-ए-अदब महिला पत्रिका का विमोचन अलीगढ़ की अत्यंत सम्मानित और जानी-मानी हस्ती प्रोफेसर जाकिया सिद्दीकी के द्वारा किया गया। बज़्म में अपनी भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि बज़्म अदब महिलाएँ उर्दू साहित्य के अस्तित्व के लिए लंबे समय से जो काम कर रही हैं वह अमूल्य है और इसे देखकर संतुष्टि और खुशी मिलती है। विशेष रूप से उन्होंने पत्रिका की संपादक हुमा खलील और उनके बहुमूल्य कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हुमा खलील लगातार उर्दू साहित्य की सेवा में लगी हुई हैं और दिल्ली में उर्दू के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। जो काबिले तारीफ हैं।बैठक में आसिफ इजहार अली ने मोहसिन आजम सर सैयद अहमद खान और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर एक कविता का पाठ किया। बेगम रेहाना मोहसिन ने रबी-उल-अव्वल के अवसर पर एक विस्तृत लेख पढ़ा। अपने लेख में, उन्होंने उन स्थितियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। सुश्री इफ्फत सिद्दीकी ने अपनी काव्य रचनाएं प्रस्तुत कीं। सुश्री हुमा खलील ने सुश्री जाकिया सिद्दीकी और सभी भाग लेने वाले सदस्यों को धन्यवाद दिया।