तिहाड़ जेल में आतंकियों,बदमाशों,रईसों की बल्ले-बल्ले

मोबाइल फोन, ऐशो-आराम ने बनाया अपराधियों की पसंदीदा जेल 

इंद्र वशिष्ठ

दिल्ली और आसपास के राज्यों में सक्रिय  गिरोहों के सरगना तिहाड़ जेल में बंद हैं। लेकिन  उनके गिरोह लगातार वारदात कर रहे हैं। ताजा उदाहरण रोहिणी अदालत में बदमाश जितेंद्र उर्फ गोगी की हत्या का है। सबसे खतरनाक और चौंकाने वाली बात यह है कि दूसरे राज्यों की जेलों में बंद बदमाशों को तिहाड़ जेल की “मेहमान नवाजी” और ऐशो आराम की “सुविधाएं” इतनी पसंद आ रही हैं कि वे इस जेल में ही आने के लिए अपराध तक कर रहे हैं। महागिरोह-  कुख्यात बदमाशों ने अपराध जगत में एकछत्र राज/वर्चस्व कायम करने के लिए महागठबंधन कर अंतराज्यीय “महागिरोह” बना लिए हैं।  

इंद्र वशिष्ठ

स्पेशल सेल और अपराध शाखा के अफसरों का कहना हैं कि सरगना तिहाड़ जेल से ही गिरोह चला रहे हैं। मोबाइल फोन के जरिए वह जेल में बैठे लगातार अपने गिरोहों के संपर्क में रहते हैं। वहीं से जबरन वसूली/रंगदारी, भाड़े पर हत्या और अपने दुश्मनों को ठिकाने लगवा रहे हैं। जेल अफसरों की भूमिका पर सवाल- पुलिस अफसरों का यह कहना ही तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल, सुपरिटेंडेंटो / जेलरों आदि की भूमिका और काबिलियत पर सवालिया निशान लगाने के लिए पर्याप्त है। जाहिर सी बात है कि जेल में बंद बदमाशों को मोबाइल फोन या अन्य सुविधाएं कोई मुफ्त में तो उपलब्ध कराई नहीं जाती। इसके लिए बदमाशों द्वारा जेल के कुछ भ्रष्ट अफसर/कर्मचारियों को रिश्वत दी जाती हैं। अफसरों की गिरफ्तारी है जरुरी-  बदमाशों से सांठगाठ करने वाले जेल और पुलिस के अफसरों को भी जब तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, अपराध और अपराधियों पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता। ऐसे अफसरों को मकोका और यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। क्योंकि ऐसे अफसर बदमाशों को अपराध के लिए मोबाइल आदि सुविधा उपलब्ध कराने का संगीन अपराध करते हैं। ऐसे अफसरों को उन बदमाशों का साथी ही माना जाना चाहिए।   बदमाशों की पसंदीदा जेल- तिहाड़ जेल को अतिसुरक्षित जेल कहा जाता है लेकिन जेल के कुछ भ्रष्ट अफसरों ने जेल को  बदमाशों के लिए अतिसुरक्षित, ऐशो आराम की सुविधाओं से सम्पन्न  पसंदीदा जेल बना दिया है।

बदमाशों को मोबाइल फोन के अलावा अन्य सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाती हैं। जेल में होने के कारण इन बदमाशों की जान अपने दुश्मनों से भी सुरक्षित रहती है। क्योंकि जेल से बाहर होने पर तो इन बदमाशों को अपने दुश्मन गिरोहों से जान का खतरा बना रहता। पुलिस और दुश्मनों से अपनी जान बचाने के लिए लगातार भागना-छिपना पड़ता है। जेल में वह आराम से अपना समय बिताने के साथ-साथ बेखौफ होकर वहीं से अपने गिरोहों को चलाते हैं।  जैसे कोरोना काल में दफ्तर की बजाए घर से काम (वर्क फ्राम होम) किया जाने लगा है।  लेकिन जेल में बंद बदमाश तो बहुत सालों से ही क्राइम फ्राम जेल कर रहे हैं। स्पेशल सेल ने हवालात को बनाया मयखाना- हाल ही में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के हवालात में बदमाशों ने दारू पार्टी की और उसका वीडियो भी वायरल कर पूरी दुनिया के सामने पुलिस को नंगा कर दिया। लेकिन इस मामले में सिर्फ़ एक सब-इंस्पेक्टर रोहित को निलंबित कर खानापूर्ति कर दी गई। आतंकियों से निपटने वाले सेल के हवालात में बदमाश दारू पार्टी कर सकते हैं तो बाकी थानों की हवालात का हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की ऐसी सांठगांठ के कारण ही बदमाश बेखौफ हो जाते हैं वरना पुलिस अफसर अगर  ईमानदार हो तो बदमाशों का मूत निकल जाता है।  

अंतरराज्यीय बदमाशों का गठबंधन- कुख्यात बदमाशों ने मिलकर अब दो बड़े गिरोह बना लिए हैं। जिसमें  लॉरेंस विश्नोई (पंजाब), संपत नेहरा और संदीप उर्फ काला जठेड़ी (हरियाणा) का एक गिरोह है। इनका दिल्ली के बदमाश जितेंद्र मान उर्फ गोगी ,अशोक प्रधान (निलोठी) , राजेश बवानिया, हाशिम और फरार कपिल सांगवान उर्फ नंदू गिरोह से गठजोड़ है। दूसरा गठजोड़ नीरज बवानिया, सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया,सोनू दरिया पुर,पूर्व विधायक रामबीर शौकीन, इरफान उर्फ छेनू और पश्चिम उत्तर प्रदेश के सुनील राठी का है। ये दिल्ली में तिहाड़,मंडौली और रोहिणी जेल में है। अदालत में हत्या- रोहिणी अदालत में 24 सितंबर 2021 को जज गगनदीप सिंह के सामने ही वकीलों के वेश मेंं आए दो बदमाशों ने जितेंद्र उर्फ गोगी की गोली मार कर हत्या कर दी। पुलिस ने दोनों हत्यारों  राहुल त्यागी और जगदीप को मार गिराया।  गोगी की हत्या जेल में बंद उसके दुश्मन सुनील ताजपुरिया ने सुनील राठी की मदद से करवाई है। साल 2018 में बागपत जेल में कुख्यात बदमाश मुन्ना बजरंगी की गोली मार कर हत्या करने वाला सुनील राठी मंडौली जेल में है। पुलिस की भूमिका पर सवाल- कानून व्यवस्था की पोल खोलने वाले इस मामले से पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान लग गया है।

यह अदालत की सुरक्षा व्यवस्था में भी गंभीर चूक है। पुलिस के खुफिया तंत्र को यह भनक नहीं लगी कि अपराधी अदालत में हत्या की साजिश रच रहे हैं।  पुलिस ने भले ही हत्यारों को मौके पर ही मार गिराया। लेकिन अदालत के अंदर बदमाशों द्वारा हत्या करना बताता है कि उन्हें पुलिस की मौजूदगी से बिल्कुल भी डर नहीं लगता है। बदमाशों के मन से पुलिस और कानून का डर भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के कारण ही निकलता जा रहा हैं। तिहाड़ जाने के लिए अपराध- तिहाड़ जेल कुख्यात बदमाशों की पसंदीदा जेल बन गई है। दूसरे राज्यों की जेलों में बंद बदमाश  तिहाड़ जेल में आने के लिए  दिल्ली में अपराध तक करवा रहे हैं।  दिल्ली पुलिस ने कुछ समय पहले रंगदारी के लिए गोलियां चलाने वाले गुरुग्राम के कौशल गिरोह के बदमाशों को पकड़ा। इन बदमाशों ने बताया कि हिसार जेल में बंद कौशल तिहाड़ जेल में आने के लिए दिल्ली में वारदात करवा रहा है। कौशल तिहाड़ पहुंचने के अपने इरादे में कामयाब हो गया।  स्पेशल सेल इसी साल मकोका में लॉरेंस विश्नोई को अजमेर जेल से और संपत नेहरा को हरियाणा जेल से ले आई। काला जठेड़ी को भी स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया। गैंगवार का ऐलान- जितेंद्र गोगी की हत्या के बाद गैंगवार की आशंका जताई जा रही है। सोशल मीडिया पर गिरोह द्वारा गोगी की हत्या का बदला लेने का ऐलान किया जा चुका है।  यमुनापार का कुख्यात बदमाश मोहम्मद इरफान उर्फ छेनू पहलवान और हाशिम बाबा भी तिहाड़ जेल  से अपने गिरोह चला रहे हैं। हाशिम अपने साथी शाहरुख आदि से दुश्मनों की हत्या करवा  रहा है।

हाशिम का भी लॉरेंस विश्नोई से गठजोड़ है। हत्या की अनेक वारदात में शामिल शाहरुख को छिपने मे लॉरेंस गिरोह मदद कर रहा है। लॉरेंस विश्नोई की पंजाब के ही दविंदर वंवीहा गिरोह से गैंगवार चल रही है।  भोंडसी जेल में सख्ती- जेल का मतलब सही मायने जेल ही होना चाहिए। जहां इतनी सख्ती हो कि बदमाश उस जेल से जल्दी से बाहर निकलने की सोचे और दोबारा उस जेल में जाने के नाम से ही उनकी कंपकपी छूट जाए। अगर अपराधी वहां भी मोबाइल या अपनी मनचाही सुविधाएं भोगने लगे, तो उसे जेल नहीं कहा जा सकता है।  स्पेशल सेल के एक अफसर ने बताया कि गुरुग्राम के भोंडसी जेल में अफसरों की सख्ती के कारण बदमाशों को मोबाइल या अन्य मनचाही सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। इसलिए बदमाश वहां नहीं रहना चाहते।  जेल में बैठ कर 200 करोड़ वसूले- रोहिणी जेल में बंद बेंगलुरु के सुकेश चंद्रशेखर ने जेल में बैठे बैठे फोर्टिस  हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर मोहन सिंह की पत्नी अदिति सिंह के साथ ठगी कर 200 करोड़ रुपए वसूल लिए। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में गिरफ्तार शिविंदर सिंह को जमानत दिलाने में मदद के नाम पर रकम वसूली।  स्पेशल सेल ने सुकेश के बैरक से दो महंगे मोबाइल फोन, महंगे मिनरल वाटर की बोतलें, बीस से ज्यादा कंबल और तख्त मिला था।  जेल अफसर गिरफ्तार- इस मामले जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट सुभाष बत्रा ,असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट डीएस मीणा, आरबीएल बैंक के मैनेजर कोमल पोद्दार, बैंक कर्मचारी अविनाश कुमार, जितेन्द्र नरुला  को  गिरफ्तार किया गया। इसके बाद सुकेश की प्रेमिका अभिनेत्री लीना पॉल समेत चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया। जेल के अफसरों  ने ना सिर्फ सुकेश को ऐशो-आराम वाली सुविधाएं मुहैया कराईं, बल्कि जेल परिसर में उसी ऐसी जगह भी बताई, जहां वह सीसीटीवी की नजर मेंं न आए। आतंकवादी के पास मोबाइल- 25 फरवरी 2021 को मुकेश अंबानी के घर के बाहर स्कॉर्पियो में जिलेटिन मिलने के बाद आतंकी गिरोह जैश उल हिंद ने जिलेटिन रखने का दावा किया था। हालांकि कुछ घंटे बाद जैश उल हिंद के नाम से एक और मैसेज आया और  दावा किया कि उनके संगठन के नाम से भेजा गया मैसेज फर्जी है।  तिहाड़ जेल कनेक्शन- 11 मार्च को मुंबई पुलिस की सूचना पर स्पेशल सेल ने तिहाड़ जेल में छापा मारा और वहां से इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े तहसीन अख्तर के पास से कुछ मोबाइल जब्त किए। इन्हीं मोबाइल में से किसी एक से जैश उल हिंद वाला मैसेज किया गया था। हालांकि  जैश उल हिंद वाली गुत्थी अभी तक सुलझी नहीं है। । संजय चंद्रा से सांठगांठ- सुप्रीम कोर्ट ने 6 अक्टूबर को तिहाड़ जेल के अधिकारियों को निलंबित करने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया । पुलिस ने 12 अक्टूबर को जेल के 32 अफसरों/ कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु कर दी।  जेल के अफसरों की सांठगांठ से यूनिटेक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ मे बंद संजय और अजय चंद्रा और जेल के भीतर से ही जांच को प्रभावित करने के साथ ही अपना कारोबार भी चला रहे थे। यह पता चलने पर अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने  संजय और अजय चंद्रा को मुंबई की आर्थर रोड जेल और तलोजा जेल में अलग-अलग रखने के लिए स्थानांतरित कर दिया था। 

(लेखक इंद्र वशिष्ठ दिल्ली में 1990 से पत्रकारिता कर रहे हैं। दैनिक भास्कर में विशेष संवाददाता और सांध्य टाइम्स (टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप) में वरिष्ठ संवाददाता रहे हैं।)  

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