इंद्र वशिष्ठ
सीबीआई की विशेष अदालत ने हरियाणा में सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रणजीत सिंह की हत्या के मामले में आज(सोमवार) उम्रकैद की सजा सुनाई है। गुरमीत के अलावा चार अन्य को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत के जज सुशील गर्ग ने राम रहीम पर 31 लाख रुपए, कृष्ण लाल पर एक लाख पच्चीस हजार रुपए, सबदिल सिंह पर एक लाख 50 हजार रुपए,जसवीर सिंह पर एक लाख पच्चीस हजार रुपए और अवतार सिंह पर 75 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
राम रहीम को इससे पहले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में भी उम्रकैद की सजा हो चुकी है। इसके अलावा दो लड़कियों के बलात्कार मामले में भी राम रहीम को 10-10 साल की सजा हो चुकी है।
रणजीत सिंह पहले इसी डेरे में मैनेजर था। एक शक की वजह से रणजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी। 19 साल बाद रणजीत सिंह के परिवार को इंसाफ और राम रहीम को सजा मिली।
दोषी करार-
रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में आठ अक्तूबर को गुरमीत राम रहीम सिंह और कृष्ण लाल को अदालत ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) के तहत दोषी करार दिय था। वहीं, अवतार, जसवीर और सबदिल को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया था।।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था-
सजा के ऐलान से पहले हरियाणा के पंचकूला जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करते हुए धारा 144 लागू कर दी गई थी।
अगस्त 2017 की हिंसा को देखते हुए राम रहीम से जुड़े किसी भी मामले में सुनवाई या फिर सजा के ऐलान से पहले सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया जाता है।
साल 2017 में बलात्कार के एक मामले में राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद उसके समर्थकों द्वारा की गई हिंसा 36 लोग मारे गए थे।
मौत की सजा दो-
पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत से डेरा प्रमुख के लिए मौत की सजा की मांग की थी। राम रहीम ने रोहतक जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दया की गुहार लगाई थी।राम रहीम जेल में दो साथियों के साथ बलात्कार के मामले में लिए 10-10 साल की सजा काट रहा है। एक सजा पूरी होने के बाद दूसरी सजा शुरु होगी।
रहम के लिए गिड़गिड़ाया-
राम रहीम ने अदालत के सामने दया की गुहार लगाते हुए ब्लड प्रेशर, आंख और गुर्दे संबंधी अपनी बीमारियों का भी हवाला दिया था।
सोमवार की सुनवााई में राम रहीम जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुआ।
इस मामले में सजा का ऐलान पहले 12 अक्टूबर को किया जाना था लेकिन कोर्ट ने अपना फैसला 18 अक्टूबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।
पत्र के कारण हत्या-
डेरा में दो साध्वी से बलात्कार का आरोप सामने आने के बाद डेरा मैनेजर रणजीत सिंह के डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से मतभेद बढ़ गए थे। रणजीत की 10 जुलाई 2002 को कुरुक्षेत्र जिले के खानपुर कोलियान गांव में अपने खेत पर काम करने के दौरान गोली मार कर हत्या कर दी गई।
एक अज्ञात पत्र लिखने/प्रसारित करने में शक के कारण रणजीत की हत्या की गई थी। इस पत्र में खुलासा किया गया था कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम डेरा मुख्यालय में किस प्रकार महिलाओं का यौन शोषण करता है।
सीबीआई के आरोप पत्र के अनुसार डेरा प्रमुख राम रहीम का मानना था कि इस अज्ञात पत्र के पीछे रंजीत सिंह हाथ था।
बेटे ने की थी सीबीआई जांच की मांग-
पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। हाईकोर्ट ने बेटे के पक्ष में फैसला सुनाकर केस की जांच सीबीआई को सौंपी थी। मामले की जांच करते हुए सीबीआई ने राम रहीम समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय (चार्ज फ्रेम) किए थे। हालांकि, शुरूआत में इस मामले में राम रहीम का नाम नहीं था लेकिन 2003 में जांच सीबीआई को सौंपने के बाद 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के आधार पर डेरा प्रमुख का नाम इस हत्याकांड में शामिल हुआ था।
3 अहम गवाह –
रणजीत सिंह हत्याकांड में 3 लोगों की गवाही महत्वपूर्ण रही। इनमें से 2 चश्मदीद गवाहों सुखदेव सिंह और जोगिंद्र सिंह ने अदालत को बताया कि उन्होंने आरोपियों को रणजीत सिंह पर गोली चलाते देखा। तीसरा गवाह डेरामुखी का ड्राइवर खट्टा सिंह रहा। खट्टा सिंह के अनुसार, उसके सामने ही रणजीत सिंह को मारने की साजिश रची गई। खट्टा सिंह ने अपने बयान में कहा कि डेरामुखी राम रहीम ने उसके सामने ही रणजीत सिंह को मारने के लिए बोला था। मामले की शुरुआती सुनवाई के समय खट्टा सिंह अदालत में इस बयान से मुकर गया था, मगर कई साल बाद वह फिर अदालत में पेश हुआ और गवाही दी। उसकी गवाही के आधार पर ही पांचों को दोषी ठहराया
एक आरोपी की मृत्यु-
सीबीआई ने 6 आरोपियों के विरुद्ध 30.07.2007 को आरोप पत्र दायर किया और दिनॉक 12.12.2008 को आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय हुए। मामले की सुनवाई के दौरान 08.10.2020 को एक आरोपी की मृत्यु हो गई और उसके विरुद्ध विचारण की कार्यवाही रोक दी गई।
हत्या, बलात्कार में सजा-
गुरमीत राम रहीम फिलहाल रोहतक जिले की सुनारिया जेल में बंद है। पत्रकार की हत्या और दो लड़कियों से बलात्कार के मामले में राम रहीम सजा काट रहा है।
पंचकूला में विशेष सीबीआई कोर्ट ने 25 अगस्त 2017 को उसे दो लड़कियों (महिला शिष्यों) से बलात्कार करने का दोषी ठहराया था और 20 साल की कैद की सजा सुनाई थी।
पत्रकार ने किया पर्दाफाश-
इसी सीबीआई अदालत ने 17 जनवरी 2019 को सिरसा के पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में भी राम रहीम उम्रकैद की सजा सुनाई थी। पत्रकार रामचंद्र ने पत्र के आधार पर अपने अखबार में राम रहीम का पर्दाफाश किया था।
प्रधानमंत्री को पत्र –
गुमनाम साध्वी ने एक चिट्ठी पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को लिखी थी। चिट्ठी में राम रहीम की जांच की मांग कई गई थी। डेरा प्रमुख राम रहीम को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी।
पत्रकार की हत्या-
यह चिट्ठी सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने सांध्य कालीन समाचार पत्र ‘पूरा सच’ में छाप कर राम रहीम का पर्दाफाश कर दिया था। जिसकी वजह से 24 अक्तूबर 2002 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति पर हमला कर उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया गया था। 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में रामचंद्र की मौत हो गई थी। छत्रपति हत्याकांड में भी राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है।