अलीगढ़। धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी की रिहाई की मांग अब प्रेमियों के दर से भी रुकने लगी है इसके साथ ही अलीगढ़ के कई मुस्लिम संगठनों ने भी उनकी रिहाई की मांग करते हुए डीएम को ज्ञापन सौंपा। शुक्रवार को यूके छात्रों के एक दल ने मौलाना कली मूर्ति समेत कई लोगों की रिहाई की मांग की और चेतावनी अगर उनकी बात नहीं सुनी हुई तो यह आंदोलन बड़ा रूप लेगा। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद छात्रों ने बाकी सैयद का मार्च निकालकर मौलाना कलीमुद्दीन की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए उनको तुरंत छोड़ने की रिहाई की मांग की। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन और पुलिस की भाभी सैयद पर तैनात रही।
एएमयू के बाबे सैयद पर मौजूद छात्रों के हाथों में जो बैनर थे उसमे लिखा हुआ था कि एएमयू इस्लामोफोबिया का विरोध करता है। मुसलमानों को निशाना बनाना रोका जाए। इसके साथ ही पोस्टर में साफ लिखा था कि मिलाना कलीम के साथ उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर कासमी को भी रिहा किया जाए।
दूसरी ओर शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में मुस्लिम संगठन और धर्म गुरुओं ने राज्यपाल को प्रेषित ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया है। इसमें मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी पर विरोध दर्ज किया गया है और उनकी ससम्मान रिहाई की मांग की है। गौरतलब है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी को दो दिन पहले उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने धर्म परिवर्तन के आरोप में गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि जमीअत उलमा ए हिंद ने भी कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए मौलाना कलीमुद्दीन की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया है उनको कोर्ट से रिहा करने की मांग की है।